त्यौहारी सीजन में 25000 करोड़ की शॉपिंग का अनुमान, ई-कॉमर्स कंपनियों की होगी चांदी
इस त्यौहारी सीजन ग्राहक 25 हजार करोड़ रुपए तक खर्च कर सकते हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 25 फीसदी की बढ़त देखी जा सकती है
नई दिल्ली। इस त्यौहारी सीजन ग्राहक 25 हजार करोड़ रुपए तक खर्च कर सकते हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 25 फीसदी की बढ़त देखी जा सकती है। ऐसा एसोचैम का कहना है। एक अक्टूबर से नवरात्रों के साथ फैस्टिव सीजन शुरू होने जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष रिकॉर्ड बिक्री हो सकती है और साथ ही ई-कॉमर्स पर प्रति मिनट खरीदारी सबसे ज्यादा होने वाली है क्योंकि कई लोगों ने पित्र पक्ष के कारण इन दिनों कोई खरीदारी नहीं की थी। ऐसा एसोचैम के सर्वे विश्लेषण में सामने आया है।
एसोचैम का कहना है कि उसने 10 शहरों से 25 से 40 वर्षीय करीब 2,500 वर्किंग प्रोफैशनल्स के साथ बात की है ताकि वह लोगों के शॉपिंग प्लान्स के बारे जान सके। इन शहरों की सूची में मुंबई, अहमदाबाद, बैंगलुरू, चैन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकता और लखनऊ शामिल हैं।
एसोचैम के जनरल सेक्रेटरी डी एस रावत का कहना है कि यह त्योहारी सीजन ई- कॉमर्स कंपनियों के लिए सबसे ज्यादा व्यस्त होने वाला है कि क्योंकि ऊम्मीद की जा रही है कि भारतीय ग्राहक इस बार 25000 करोड़ रुपए तक खर्च कर सकते हैं, जो कि पिछले वर्ष के तुलना में 25 फीसदी ज्यादा है।
कुल प्रतिक्रिया देने वालों में से करीब 60 फीसदी लोगों ने कहा है कि वह शॉपिंग के लिए तैयार है और वह ऑफलाइन की तुलना में ऑनलाइन मोड का चयन करेंगे। इसका कारण यह है कि ऑफलाइन स्टोर्स पर सेल के दौरान लंबी लाइनों में खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। ऐसा एसोचैम के सोशल डेवेलपमेंट फाउंडेशन के हाईलाइट्स के पता चला है। साथ ही यह भी कहा कि लोग ई-कॉमर्स साइट्स पर से डील्स और डिस्काउंट का लाभ उठाने के लिए तैयार बैठे हैं।
रिकॉर्ड संख्या में ऑर्डर मिलने की संभावना के मद्देनजर ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी कई आकर्षक ऑफर्स की पेशकश की है। इनमें बड़ी छूट, कैशबैक योजना, मुफ्त शिपिंग और बगैर ब्याज के ईएमआई शामिल है।
शोध, विश्लेषण और डिजिटल इंटेलिजेंस सेवाओं के विशेषज्ञों का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को पिछले वर्षों के नीतीजों को ध्यान में रखकर ग्राहकों की बड़ी संख्या के लिए तैयार रहना होगा। इसके लिए समय पर सुपुर्दगी सुनिश्चित करने के साथ-साथ एक के बजाए दूसरा सामान भेजने से बचना होगा, नहीं तो त्यौहारी सीजन उनके लिए बदनामी का सबब भी बन सकता है।