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थ्रीडी टीवी बेचने के लिए सैमसंग का फरेब

सैमसंग का थ्रीडी स्मार्ट टीवी शोरूम में भले ही स्मार्ट हो, लेकिन आपके घर पर काम करेगा या नहीं, इसमें शक है। ऐसे ही एक मामले में कोलकाता की उपभोक्ता अदालत ने सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स को फरेब से थ्रीडी टीवी बेचने का दोषी पाया है। आमतौर से शोरूम में सेल्समैन थ्रीडी टीवी का डेमो देते वक्त पेन ड्राइव का इस्ते

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Fri, 17 Oct 2014 08:55 AM (IST)Updated: Fri, 17 Oct 2014 10:03 AM (IST)
थ्रीडी टीवी बेचने के लिए सैमसंग का फरेब

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सैमसंग का थ्रीडी स्मार्ट टीवी शोरूम में भले ही स्मार्ट हो, लेकिन आपके घर पर काम करेगा या नहीं, इसमें शक है। ऐसे ही एक मामले में कोलकाता की उपभोक्ता अदालत ने सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स को फरेब से थ्रीडी टीवी बेचने का दोषी पाया है।

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आमतौर से शोरूम में सेल्समैन थ्रीडी टीवी का डेमो देते वक्त पेन ड्राइव का इस्तेमाल करता है। वह पेन ड्राइव का थ्रीडी कंटेंट आपको चलाकर दिखाता है। आप प्रभावित होते हैं और टीवी पैक करा लेते हैं। कंकरगाछी के कारोबारी अविनाश कसेरा के साथ भी ऐसा ही हुआ। उन्हें ई-जोन इलेक्ट्रॉनिक स्टोर में सैमसंग के थ्रीडी टीवी का डेमो दिया गया। उन्होंने 76 हजार रुपये अदा किए और टीवी घर ले आए। घर पर टीवी में थ्रीडी चला ही नहीं। उन्होंने सैमसंग के कस्टमर केयर से इस बात की शिकायत की। कंपनी के इंजीनियर एक बार नहीं, बल्कि तीन बार टीवी की मरम्मत के लिए आए। मगर यह पता नहीं लगा सके कि इंटरनेट से जुड़े होने के बावजूद थ्रीडी काम क्यों नहीं कर रहा है।

वस्तुत: भारत में कोई भी टीवी सेवा प्रदाता थ्रीडी कंटेंट टेलीकास्ट नहीं करता है। या तो आप बाजार से थ्रीडी मूवी का डीवीडी खरीद कर देख सकते हैं या इंटरनेट के जरिये थ्रीडी कंटेंट देख सकते हैं। कुछ समय बाद सैमसंग के मुख्यालय से अविनाश को फोन आया कि 32 एमबीपीएस से कम स्पीड वाले इंटरनेट पर थ्रीडी काम ही नहीं करता है।

यह बात न तो अविनाश को सेल्समैन ने बताई थी और न ही टीवी के बुकलेट में इसका कोई जिक्र था। जब अविनाश ने टीवी वापस करना चाहा तो कंपनी ने साफ मना कर दिया। अविनाश भी कहां चुप बैठने वाले थे। उन्होंने जिला उपभोक्ता फोरम में सैमसंग के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। कोर्ट में सैमसंग ने कुबूल किया कि थ्रीडी टीवी 32 एमबीपीएस से कम स्पीड पर काम नहीं करता है।

कोर्ट ने सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और ई-जोन को अनुचित व्यापार व्यवहार और ग्राहक के साथ फरेब का दोषी पाया। कोर्ट ने कहा कि ग्राहक को उत्पाद के बारे में पूरी तरह बताना कंपनी की जिम्मेदारी है। छलपूर्वक ग्राहक को सामान बेच देना अनुचित व्यापार है। कोर्ट ने सैमसंग व ई-जोन को एक महीने के भीतर 76 हजार रुपये वापस करने का आदेश दिया। अविनाश के मामले से इतना तो पता चल ही गया होगा सैमसंग अपने उत्पाद बेचने के लिए कौन-कौन से हथकंडे अपनाती है।

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