जीएसटी: राज्यों के नुकसान की भरपाई पर आम सहमति, जीएसटी दर की घोषणा बुधवार को
जीएसटी काउंसिल की बैठक के पहले दिन मंगलवार को राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई पर सहमति बन गई।
नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल की बैठक के पहले दिन मंगलवार को राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई पर सहमति बन गई। तीन दिन चलने वाली इस बैठक में टैक्स की दरों पर भी फैसला किया जाना है जो कि बुधवार को संभावित है। गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई।
राज्यों के राजस्व की क्षति भरपाई पर आम सहमति:
जीएसटी काउंसिल में राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई पर सहमति बन गई है। इसके लिए 2015-16 को आधार वर्ष माना जाएगा। आपको बता दें कि जीएसटी को आजाद भारत का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार माना जा रहा है। पहले दिन की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि क्षतिपूर्ति के मुद्दे का समाधान हो गया है और जीएसटी से जिन-जिन क्षेत्रों में राजस्व का नुकसान होगा उसकी पहचान भी की जा चुकी है।
जीएसटी की दर पर फैसला बुधवार को संभव:
जीएसटी दर पर बुधवार को सहमति बनने और घोषणा किए जाने की उम्मीद है। केरल के वित्त मंत्री टी.एम. थॉमस इसाक ने बैठक के बाद कहा कि जीएसटी दर के चार स्लैब पर चर्चा हो रही है। काउंसिल को जीएसटी दर के संबंध में विस्तृत ब्यौरा दिया गया है। कर योग्य सभी वस्तुओं के लिए जीएसटी दर 20 से 25 फीसदी तक हो सकती है हालांकि कुछ वस्तुएं उच्चतम दर 26 प्रतिशत के दायरे में रह सकती हैं।
18 फीसदी रह सकती है जीएसटी की मानक दर:
जीएसटी काउंसिल की पहले दिन की बैठक के बाद जीएसटी की मानक दर 18 फीसदी रहने पर सहमति बन सकती है। राज्यों ने इसे 22 फीसदी रखने का विचार रखा था। वहीं जीएसटी दर की चार स्लैब पर विचार हो रहा है। इसमें उच्चतम दर 26 फीसदी हो सकती है। वहीं लक्जरी वस्तुओं पर जीएसटी के साथ-साथ अधिभार भी लग सकता है।
हालांकि सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम की समिति ने लक्जरी वस्तुओं के साथ ही महंगी कारों, पान मसाला, विभिन्न तरह के पेय पदार्थों, तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों पर अधिकतम 40 फीसदी कर लगाने की सिफारिश की थी।