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अवैध तरीकों से कंपनियोंने जुटाए दो लाख करोड़

राजस्व खुफिया एजेंसियों और पूंजी बाजार नियामक सेबी की ऐसे 500 मामलों पर नजर है जिसमें कंपनियों ने नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचरों (एनसीडी) व प्राइवेट प्लेसमेंट के नाम पर गैर-कानूनी तरीके से बाजार से दो लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं।

By Murari sharanEdited By: Published: Sun, 03 May 2015 07:30 PM (IST)Updated: Sun, 03 May 2015 08:56 PM (IST)
अवैध तरीकों से कंपनियोंने जुटाए दो लाख करोड़

नई दिल्ली। राजस्व खुफिया एजेंसियों और पूंजी बाजार नियामक सेबी की ऐसे 500 मामलों पर नजर है जिसमें कंपनियों ने नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचरों (एनसीडी) व प्राइवेट प्लेसमेंट के नाम पर गैर-कानूनी तरीके से बाजार से दो लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं।

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आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, राजस्व खुफिया एजेंसियों को शक है कि इन फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट का दुरुपयोग काले धन को खपाने के लिए किया जा रहा है। एजेंसियों ने आगे की कार्रवाई के लिए इसका विस्तृत ब्योरा सेबी और अन्य नियामकों से साझा किया है।

शेयरों का प्राइवेट प्लेसमेंट और एनसीडी जारी करना विशुद्ध रूप से वित्तीय सौदों में आता है। लेकिन जांच में संकेत मिले हैं कि कई गैर-सूचीबद्ध कंपनियों ने सेबी और अन्य नियामकों के नियमों का पालन नहीं किया और अवैध तरीके से दो लाख करोड़ रुपये जुटाए। ऐसे 500 मामले हैं।

सूत्रों के मुताबिक एनसीडी और प्राइवेट प्लेसमेंट प्रोग्राम (पीपीपी) काले धन को वैध धन में तब्दील करने का मुख्य हथियार बन गए हैं। हाल के दिनों में छोटी वित्तीय कंपनियां बड़ी संख्या में बनी हैं और इन्होंने कुछ नियामक नियमों की कमी का गलत फायदा उठाया है।

यह है समाधान

इस समस्या को रोकने के लिए अर्ली वॉर्निग सिस्टम बनाने का सुझाव दिया गया है। इसमें राजस्व खुफिया एजेंसियों को समय पर इस तरह के मामलों की जानकारी सेबी को देनी होगी।

क्या है एनसीडी और प्राइवेट प्लेसमेंट

नॉन-कंवर्टिबल डिबेंचर यानी एनसीडी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट हैं, जिन्हें शेयरों में तब्दील नहीं किया जा सकता है। जबकि शेयरों के प्राइवेट प्लेसमेंट में पब्लिक शेयरधारक शामिल नहीं होते हैं। इसमें अधिकतम 49 निवेशकों को ही शामिल किया जा सकता है।

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