भारत के साथ मिलकर सोना-चांदी निकालना चाहता है चीन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा से ठीक पहले चीन ने हिंद महासागर में भारत के साथ मिलकर खनन की इच्छा जताई है। हिंद महासागर के तल में 10 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में सोना, चांदी सहित कई बेशकीमती खनिजों का भंडार मौजूद होने की बात हाल ही में सामने आई
बीजिंग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा से ठीक पहले चीन ने हिंद महासागर में भारत के साथ मिलकर खनन की इच्छा जताई है। हिंद महासागर के तल में 10 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में सोना, चांदी सहित कई बेशकीमती खनिजों का भंडार मौजूद होने की बात हाल ही में सामने आई है।
चीन के महासागर खनिज संसाधन अनुसंधान एवं विकास संघ के हवाले से सरकारी अखबार चाइना डेली ने कहा है,'महासागर में विकास की गतिविधियां तेज होने और हिंद महासागर में खनिजों की निकासी बढ़ने के साथ चीन गहरे समुद्र में खनन के मामले में भारत के साथ सहयोग करने का इच्छुक है।'
अखबार से बातचीत में संघ के उप निदेशक हे जोंग्यू ने भारत को एक आदर्श साझेदार बताया। उन्होंने कहा कि चीन और भारत दोनों विकासशील देश हैं और अंतरराष्ट्रीय समुद्रतल प्राधिकरण (आइएसए) के तहत अनुबंध पर काम करने वाले देश हैं। इस कारण से हममें बहुत समानता है और आगे सहयोग के लिए काफी अवसर हैं। संघ समुद्री अन्वेषण और विकास कार्यो के लिए चीन का आधिकारिक संगठन है।
बीते महीने चीन के सागर संबंधी मामलों के विभाग के उप निदेशक चेन लियान्जेंग ने भारत यात्रा के दौरान महासागरीय अनुसंधान एवं विकास को लेकर दोनों पक्षों में सहयोग बढ़ाने का सुझाव दिया था। उन्होंने सहयोग की सूरत में लागत, जोखिम और मुनाफे में भी साझेदारी की बात कही थी।