चिदंबरम बोले जीएसटी में नहीं हो सकती हैं एक से ज्यादा टैक्स दरें
पूर्व वित्त मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में कई दरें नहीं हो सकती हैं
नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से प्रस्तावित जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में कई दरें नहीं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में वैट का ही नया रूप है। गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की इस माह हुई बैठक में केंद्र की तरफ से जीएसटी के लिए चार स्तरीय कर ढांचे का प्रस्ताव दिया था।
राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने कहा कि अच्छी तरह से गठित किए गए जीएसटी के लिए मानक दरों की उम्मीद है। ऋणात्मक (मानक) और धनात्मक (मानक) दर। ओआरएफ और आईआईएम कोलकाता की तरफ से आयोजित किए गए एक सेमिनार में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यदि हम 20 तरह के टैक्स रेट रखेंगे तो यह जीएसटी नहीं हो सकता है। ये देश को मूर्ख बनाने वाली बात होगी। उन्होंने आगे कहा कि यह सामान्यतया: मौजूदा वैट दरों को शेप में लाने जैसा है, यह नई बोतल में पुरानी शराब जैसा है।
जीएसटी की दरों पर नहीं हुआ है अंतिम फैसला:
वस्तु एवं सेवा कर को लेकर 18 और 19 अक्टूबर को हुए विचार-विमर्श के तीसरे दौर के बाद भी जीएसटी की दरों पर फैसला नहीं हो सका। इस बैठक में हिस्सा लेने वाले एक प्रतिभागी ने बताया कि टैक्स दरों पर फैसला काउंसिल की अगली दो बैठकों में किया जाएगा। जीएसटी काउंसिल की अगली दो बैठकें 3 एवं 4 नवंबर और 9 एवं 10 नवंबर को होनी हैं। काउंसिल के एक सदस्य ने बताया कि राज्यों ने केंद्र की तरफ से दिए गए उस प्रस्ताव पर अपनी सहमित नहीं दी जिसमें लक्जरी कारों जैसे अन्य उत्पादों पर सेस लगाने की बात कही गई है।