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सरकारी बैंक के लिए चुनौतियां बरकरारः फिच रेटिंग्स

वित्त वर्ष 2019 तक बैंकों को पूंजी की जरूरतें हर साल बढ़ने की संभावना है।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2015 08:23 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2015 08:26 AM (IST)
सरकारी बैंक के लिए चुनौतियां बरकरारः फिच रेटिंग्स

नई दिल्ली। फिच रेटिंग्स ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर सुधार के बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समक्ष चुनौतियां बनी हुई हैं। रेटिंग एजेंसी ने इंडियन रिपोर्ट कार्ड वित्त वर्ष 2015 में यह निष्कर्ष निकाला है।

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रिपोर्ट कार्ड के मुताबिक एसेट क्वालिटी पर दबाव और कमजोर पूंजी की वजह से साल 2015 में खत्म वित्त वर्ष 2015 के दौरान भारत के सरकारी बैंकों का ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण बना रहा। इसके अनुसार वित्त वर्ष 2019 तक पूंजी जरूरतें हर साल बढ़ने की संभावना है। अच्छी बात यह है आय में अल्पकालिक स्तर पर सार्थक सुधार के कुछ संकेत हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक व्यापक आर्थिक मोर्चे पर क्रमिक सुधार के बावजूद कर्ज की कमजोर मांग के कारण वित्त वर्ष 2014-15 भारतीय बैंकों के लिए मुश्किल साल रहा। खास तौर पर सरकारी बैंकों के समक्ष एसेट क्वालिटी का दबाव, मुनाफे में कमी और कमजोर पूंजीकरण जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं।

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