बैंकों के एमडी की नियुक्ति पर केंद्र सरकार को नोटिस
पांच सरकारी बैंकों में एमडी पद की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक (आरबीआइ) और पांचों बैंको को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जिन पांच बैंकों की एमडी नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाया गया है, वे आइडीबीआइ, केनरा बैंक, बैंक
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच सरकारी बैंकों में एमडी पद की नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक (आरबीआइ) और पांचों बैंको को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जिन पांच बैंकों की एमडी नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाया गया है, वे आइडीबीआइ, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) हैं। न्यायमूर्ति एआर दवे की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये नोटिस एक बैंक यूनियन के पूर्व अध्यक्ष केडी खेड़ा की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किए। कोर्ट ने सभी पक्षों से 11 मई तक जवाब मांगा है।
इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से बहस करते हुए वकील ने कहा कि नियुक्ति नियमों में बदलाव किया गया है जो कि बैंकिंग कंपनी एक्वीजिशन एंड ट्रांसफर अंडरटेकिंग एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन है। यह कानून कहता है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एमडी और सीईओ पद पर वे पूर्णकालिक वे निदेशक ही नियुक्त किए जाएंगे जिनके नाम को सर्तकता विभाग से हरी झंडी मिल गई हो। जबकि सरकार की ओर से गत 26 फरवरी को पांच सरकारी बैंको के एमडी के लिए जारी विज्ञापन में निजी बैंकों के कर्मचारियों को भी आवेदन करने का हक दिया गया है। इतना ही नहीं, नए नियमों में इस पद के लिए उम्र सीमा भी घटाकर 58 से 55 कर दी गई है। उम्र सीमा घटने से इस पद के लिए आवेदन कर सकने वाले सरकारी बैंकों के कई एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बाहर हो गए हैं। याचिका में निजी बैंकों के कर्मचारियों को सरकारी बैंक के शीर्ष पदों पर लाने का भी विरोध किया गया है।