कॉल ड्राप से निजात को एक लाख टावर लगाएंगी मोबाइल कंपनियां
दूरसंचार कंपनियों ने केंद्र सरकार को भरोसा दिलाया है कि एक साल के अंदर ग्राहकों को कॉल ड्रॉप की समस्या से निजात मिल जाएगी।
नई दिल्ली[ संजय] । मोबाइल कंपनियों ने सरकार को एक साल के भीतर कॉल ड्राप की समस्या से निजात दिलाने का भरोसा दिया है। इसके लिए वे देश भर में 20 हजार करोड़ रुपये खर्च कर एक लाख मोबाइल टावर लगाएंगी। दूसरी ओर इंटरनेट स्पीड बढ़ाने के लिए कंपनियों ने सरकार से स्पेक्ट्रम की नई फ्रीक्वेंसियां उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।संचारमंत्री मनोज सिन्हा ने सोमवार को टेलीकॉम आपरेटरों की बैठक बुलाई थी। इसमें आपरेटरों ने भरोसा दिया कि कॉल ड्रॉप की समस्या पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा।
सरकार के साथ पिछली बैठक में आपरेटरों ने सौ दिनों में 60 हजार टावर लगाने का वादा किया था। 45 दिनों में ही उन्होंने 48 हजार टावर लगा डाले हैं। मनोज सिन्हा के अनुसार आपरेटरों का अब तक का निष्पादन संतोषजनक रहा है। लेकिन इसका असर सेवाओं पर दिखाई देना चाहिए। केवल कॉल ड्रॉप ही नहीं, बल्कि डाटा सेवाओं में भी राहत महसूस होनी चाहिए।
कॉल ड्राप, स्पेक्ट्रम बिक्री सरकार के सामने बड़ी चुनौती
अभी इंटरनेट स्पीड के मामले में हम दुनिया में कहीं भी नहीं ठहरते। जबकि प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की सफलता के लिए स्पीड जरूरी है।टेलीकॉम कंपनियों ने सरकार से वायरलेस सेवाओं के लिए 71-76 तथा 50 गीगा हर्त्ज वाली स्पेक्ट्रम की नई फ्रीक्वेंसियां आवंटित करने का आग्रह भी किया। इन पर चलने वाली वायरलेस सेवाओं की स्पीड आप्टिकल फाइबर की तरह 1 गीगा बाइट प्रति सेकंड तक होती है। जवाब में सिन्हा ने कहा कि सितंबर में होने वाले स्पेक्ट्रम आवंटन से स्पेक्ट्रम की कमी पूरी हो जाएगी।इस बीच सरकार दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई के उस प्रस्ताव का अध्ययन कर रही है जिसमें ग्राहकों की शिकायतों के समाधान की मौजूदा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए ट्राई के अधिकार बढ़ाने का सुझाव दिया गया है।
बैठक के बाद सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआइ) के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने कहा कि चूंकि आप्टिकल फाइबर बिछाने की अनुमति मिलना कठिन है। लिहाजा हमने नई फ्रीक्वेंसी मांगी हैं। आप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए सरकार देश भर में अनुमति व शुल्क के एक समान नियम लागू करने पर काम कर रही है।
टेलीकाम कंपनियों ने सरकार ने स्पेक्ट्रम खरीद के लिए दी जाने वाली किस्तों पर ब्याज दर घटाने और आरबीआइ के अनुरूप करने का अनुरोध भी किया है।संचार मंत्री का पदभार संभालने के बाद मनोज सिन्हा की मोबाइल कंपनियों के साथ यह पहली बैठक थी। लेकिन जहां तक कॉल ड्राप का प्रश्न है तो सरकार के साथ मोबाइल कंपनियों की यह दूसरी बैठक थी। पिछली बैठक जून में हुई थी जिसकी अध्यक्षता संचार सचिव जेएस दीपक ने की थी। आज की बैठक में भारती एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया, रिलायंस, टेलीनॉर के प्रमुख अधिकारियों ने हिस्सा लिया।