फिर जिंदा होगा सिंदरी खाद कारखाना
देश में यूरिया की किल्लत से निपटने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने 10,500 करोड़ रुपये लागत की दो योजनाओं को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत एक दशक से भी ज्यादा समय से बंद झारखंड स्थित सिंदरी उर्वरक प्लांट को नए सिरे से
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में यूरिया की किल्लत से निपटने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने 10,500 करोड़ रुपये लागत की दो योजनाओं को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत एक दशक से भी ज्यादा समय से बंद झारखंड स्थित सिंदरी उर्वरक प्लांट को नए सिरे से तैयार किया जाएगा। इस पर 6000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जबकि असम में 4500 करोड़ रुपये की लागत से बिल्कुल नया उर्वरक प्लांट लगाया जाएगा।
उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि देश में उर्वरकों की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है। गोरखपुर, तालचर व बरौनी स्थित खाद कारखानों को नए सिरे से संचालित करने का फैसला पहले ही किया जा चुका है। अब सिंदरी का भी पुनर्गठन सरकार करेगी। नामरूप (असम) में पीपीपी के तहत नया उर्वरक प्लांट लगाया जाएगा। इन पांच कारखानों की संयुक्त तौर पर उत्पादन क्षमता 73 लाख टन होगी। ये देश के पूर्वी हिस्से में हरित क्रांति का दूसरा दौर लाने में भी काफी मददगार साबित होंगे। पूवरेत्तर समेत समूचे पूर्वी हिस्से में उर्वरक की जरूरत इन संयंत्रों से पूरी हो सकेगी। साथ ही बांग्लादेश और नेपाल को यहां से निर्यात भी किया जा सकेगा। अभी देश में हर तरह के उर्वरकों की खपत लगभग 310 लाख टन सालाना है जबकि उत्पादन 230 लाख टन है।