Move to Jagran APP

फिर जिंदा होगा सिंदरी खाद कारखाना

देश में यूरिया की किल्लत से निपटने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने 10,500 करोड़ रुपये लागत की दो योजनाओं को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत एक दशक से भी ज्यादा समय से बंद झारखंड स्थित सिंदरी उर्वरक प्लांट को नए सिरे से

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Fri, 22 May 2015 08:41 AM (IST)Updated: Fri, 22 May 2015 09:20 AM (IST)
फिर जिंदा होगा सिंदरी खाद कारखाना

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में यूरिया की किल्लत से निपटने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने 10,500 करोड़ रुपये लागत की दो योजनाओं को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत एक दशक से भी ज्यादा समय से बंद झारखंड स्थित सिंदरी उर्वरक प्लांट को नए सिरे से तैयार किया जाएगा। इस पर 6000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जबकि असम में 4500 करोड़ रुपये की लागत से बिल्कुल नया उर्वरक प्लांट लगाया जाएगा।

loksabha election banner

उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि देश में उर्वरकों की कमी को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है। गोरखपुर, तालचर व बरौनी स्थित खाद कारखानों को नए सिरे से संचालित करने का फैसला पहले ही किया जा चुका है। अब सिंदरी का भी पुनर्गठन सरकार करेगी। नामरूप (असम) में पीपीपी के तहत नया उर्वरक प्लांट लगाया जाएगा। इन पांच कारखानों की संयुक्त तौर पर उत्पादन क्षमता 73 लाख टन होगी। ये देश के पूर्वी हिस्से में हरित क्रांति का दूसरा दौर लाने में भी काफी मददगार साबित होंगे। पूवरेत्तर समेत समूचे पूर्वी हिस्से में उर्वरक की जरूरत इन संयंत्रों से पूरी हो सकेगी। साथ ही बांग्लादेश और नेपाल को यहां से निर्यात भी किया जा सकेगा। अभी देश में हर तरह के उर्वरकों की खपत लगभग 310 लाख टन सालाना है जबकि उत्पादन 230 लाख टन है।

बिजनेस सेक्शन की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.