निवेशकों पर टैक्स का बोझ नहीं बढ़ाएगी सरकार: जेटली
भारत के आगामी बजट में निवेशकों पर कर बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। इसमें मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन शामिल किए जाएंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दुनिया भर के निवेशकों को स्थायी कर व्यवस्था को लेकर आश्वस्त करते हुए ऐसे संकेत दिए।
दावोस। भारत के आगामी बजट में निवेशकों पर कर बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। इसमें मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन शामिल किए जाएंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दुनिया भर के निवेशकों को स्थायी कर व्यवस्था को लेकर आश्वस्त करते हुए ऐसे संकेत दिए।
जेटली ने कहा कि संरचनात्मक सुधार किए जाएंगे, ताकि अर्थव्यवस्था फिर से 8-9 फीसद की विकास दर हासिल कर ले। जेटली यहां चल रहे विश्व आर्थिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) के शुक्रवार के सत्र को संबोधित कर रहे थे। जेटली ने कहा कि मैन्यूफैक्चरिंग को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन देना सरकार का प्रमुख एजेंडा है।
इसके अलावा संरचना से जुड़े आर्थिक सुधारों को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। मीडिया वाले बार-बार बिगबैंग सुधारों का जिक्र कर रहे हैं। मगर हमारी ओर से किए जाने वाले इन सुधारों के सामने बिगबैंग (महाविस्फोट) भी कुछ नहीं है। सरकारी उपक्रमों (पीएसयू) के विनिवेश की रफ्तार बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा घाटे वाली कंपनियों का पूरी तरह निजीकरण किया जा सकता है।
वित्त मंत्री ने भरोसा जताया कि भारत उस स्थिति में पहुंच गया है जब बड़ी संख्या में निवेशक हमारे देश में निवेश करने के लिए कतार लगा रहे हैं। जैसे-जैसे देश में आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ेंगी, सरकार का राजस्व बढ़ता जाएगा। उन्होंने अपने राजस्व स्नोतों के रूप में विनिवेश, पीएसयू से लाभांश और स्पेक्ट्रम नीलामी का भी हवाला देते हुए कहा, ‘मैं टैक्स दरें बढ़ाने के पक्ष में कतई नहीं हूं।’ अगले कुछ सालों में राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए सरकार ने रोडमैप तैयार किया है। भारत में सब्सिडी खत्म करना अवांछनीय है। जरूरतमंद लोगों को सब्सिडी देने से इन्कार नहीं है, बल्कि इसको तर्कसंगत बनाने की जरूरत है।
जेटली ने इस बात को स्वीकार किया कि कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के कारण देश में महंगाई पर नियंत्रण करना आसान हुआ है। महंगाई को स्वीकार्य स्तर तक ला दिया। तेल की कीमतों में कमी से सब्सिडी और चालू खाते का घाटा कम करने में मदद मिली।
इसे भी पढ़ें: बजट में राहत के लिए जेटली से मिलेंगे उद्योगपति
इसे भी पढ़ें: धीरे-धीरे सभी सब्सिडी को तर्कसंगत करने की जरूरत