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चुनावी साल में मध्यम वर्ग के आगे बिछे

चुनावी साल में मध्यम वर्ग को लुभाने की कोशिश में चिदंबरम ने कोई कसर नही छोड़ी है। संप्रग के पिछले पांच साल के कार्यकाल में महंगाई और कर्ज की बढ़ती किस्तों से हलकान मध्यम वर्ग पर वित्त मंत्री ने इस बार सस्ती कारों, बाइकों, टीवी, फ्रिज और मोबाइल हैंडसेट का पांसा फेंका है। वैसे अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री न

By Edited By: Published: Mon, 17 Feb 2014 10:20 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2014 10:20 PM (IST)
चुनावी साल में मध्यम वर्ग के आगे बिछे

नई दिल्ली, जाब्यू। चुनावी साल में मध्यम वर्ग को लुभाने की कोशिश में चिदंबरम ने कोई कसर नही छोड़ी है। संप्रग के पिछले पांच साल के कार्यकाल में महंगाई और कर्ज की बढ़ती किस्तों से हलकान मध्यम वर्ग पर वित्त मंत्री ने इस बार सस्ती कारों, बाइकों, टीवी, फ्रिज और मोबाइल हैंडसेट का पांसा फेंका है। वैसे अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने यह दिखाने की कोशिश की औद्योगिक मंदी को दूर करने के लिए ऑटो या अन्य उद्योगों को उत्पाद शुल्कों में राहत दी जा रही है। बहरहाल, इन उपायों का फायदा उद्योग जगत के साथ मध्यम वर्ग को भी होगा।

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गाड़ी के सपने को साकार करने के लिए चिदंबरम ने सभी प्रकार के कारों व दोपहिया वाहनों पर उत्पाद शुल्क में तीन से छह फीसद तक की रियायत दी है। इससे छोटी व मझोली कारों की कीमतों में 6,000 रुपये से 30 हजार रुपये तक की राहत मिलेगी। मोटरसाइकिलों व स्कूटरों की कीमतों में भी 1500 रुपये से 3500 रुपये तक की कटौती होगी। इनके अलावा चेसिस और ट्रेलर निर्माण पर भी उत्पाद शुल्क कम किया गया है।

ऑटोमोबाइल उद्योग को दी गई राहत का असर काफी व्यापक होने की संभावना है। इससे स्टील उद्योग में भी तेजी आएगी और रोजगार बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। कारों व बाइकों का निर्यात भी बढ़ेगा। वर्ष 2008-09 में भी सरकार ने इस तरह की राहत देकर ऑटोमोबाइल व अन्य उद्योगों को ग्लोबल मंदी से बचाया था। मोबाइल हैंडसेट कंपनियों को भी उत्पाद शुल्क कटौती के साथ ही सेनवैट की सुंिवधा देने का एलान अंतरिम बजट में किया गया है। इससे वीडियोकॉन, लावा, माइक्रोमैक्स, कार्बन जैसी घरेलू मोबाइल निर्माता कंपनियों पर देश में मोबाइल निर्माण की लागत कम पड़ेगी। साथ ही भारत में निर्माण प्लांट लगाने वाली नोकिया, सैमसंग आदि की लागत भी कम होगी। अब ये कंपनियां विदेशों से हैंडसेट आयात करने की बजाय उन्हें देश में ही बनाना ज्यादा पसंद करेंगी। इससे भी कीमतें कम होंगी।

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इसी तरह से टीवी, फ्रिज, प्रिंटर, माइक्रोवेव ओवन समेत घरेलू उपकरणों पर उत्पाद शुल्क की दर को 12 फीसद से घटाकर 10 फीसद कर दिया गया है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बाद में बताया कि शुल्क कटौती से सरकार के राजस्व संग्रह में चालू वित्त वर्ष (मार्च तक) के दौरान 400 करोड़ रुपये की कमी आएगी। मगर इन उत्पादों की बिक्री में पांच फीसद का भी इजाफा हो जाता है तो इस कमी की भरपाई की जा सकती है। वैसे, जून 2014 तक इससे कुल 1200 करोड़ रुपये का बोझ खजाने पर पड़ेगा। घरेलू साबुन निर्माताओं को राहत देते हुए उनके लिए औद्योगिक तेल के आयात पर सीमा शुल्क को घटा दिया गया है।

दाम घटाने का कंपनियों ने किया एलान

उत्पाद शुल्क में कटौती के साथ ही कंपनियों ने इसका फायदा ग्राहकों को देने का वादा किया है। ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स, जनरल मोटर्स और मर्सिडीज बेंज ने इसका एलान भी कर दिया है। मर्सिडीज की कारें दो लाख रुपये तक सस्ती हो गई हैं। वहीं, मारुति, हुंडई सहित अन्य कई ऑटोमोबाइल कंपनियों ने अगले कुछ दिनों में कीमतों में कटौती की बात कही है। कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनियों की तरफ से नई कीमतों का एलान अगले एक-दो दिन के भीतर होने के आसार हैं।


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