बीएसएनएल की घटिया सर्विस पर लोकसभा में जमकर बरसे सांसद
बीएसएनएल की देशभर में दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता पर लोकसभा में आज जमकर हंगामा हुआ। वहीं, सरकार ने बीएसएनएल के बारे में कहा कि यह परेशानी पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के समय से है, जिसे वे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
नई दिल्ली। बीएसएनएल की देशभर में दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता पर लोकसभा में सवाल उठाया गया। वहीं, सरकार ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि यह परेशानी पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के समय से है, जिसे वे दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा सदस्य संजय घोत्रे ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि बीएसएनएल के कर्मचारी निजी मोबाइल ऑपरेटरों के लिए काम कर रहे हैं, क्योंकि वे अपनी सेवाओं को सुधारने में कोई रूचि नहीं दिखाते। इसके कारण निजी कंपनियों को फायदा होता है।
संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि एक जमाना था कि जब बीएसएनएल 10,000 करोड़ रुपये के लाभ में थी, लेकिन अब यह कंपनी 8,000 करोड़ रुपये घाटे में चल रही है।
वहीं, भाजपा के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावट ने कहा कि संसद भवन काम्प्लेक्स में भी बीएसएनएल द्वारा दी जा रही ब्राडबैंड सेवा और वाईफाई सेवा की हालत ठीक नहीं है। इस पर रविशंकर प्रसाद ने सदन को आश्वस्त किया कि वे इस मामले को स्वयं देखेंगे।
संचार मंत्री ने सदन को जानकारी दी कि शहरी क्षेत्रों में फोन सुविधाओं का घनत्व बढ़कर 168 फीसद हो चुका है, वहीं गांवों में 47 फीसद है। फरवरी में राष्ट्रीय स्तर पर फोन सुविधाओं का धनत्व 78.73 फीसद था। देश के कुल साढ़े पांच लाख गांवों में महज 55,000 गांव ही हैं, जहां अभी तक फोन सुविधाएं नहीं पहुंची है।
संचार मंत्री ने कहा कि बिहार, असम, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, उत्तर-पूर्व राज्यों और राजस्थान में टेलीफोन घनत्व का स्तर राष्ट्रीय स्तर से कम है।