Move to Jagran APP

खत्म होगा बैंक ड्राफ्ट, पोस्टल आर्डर बनवाने का झंझट

पासपोर्ट और सरकारी नौकरियों के आवेदन से लेकर अन्य सरकारी सेवाओं के भुगतान के लिए अब आपको बैंक ड्राफ्ट या पोस्टल आर्डर बनवाने का झंझट नहीं रहेगा। सरकार ने इस तरह के सभी भुगतानों के लिए एक ई पेमेंट का पोर्टल तैयार किया है। इसके पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत अगले

By Manoj YadavEdited By: Published: Tue, 25 Nov 2014 08:43 PM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 12:01 AM (IST)
खत्म होगा बैंक ड्राफ्ट, पोस्टल आर्डर बनवाने का झंझट

नई दिल्ली [नितिन प्रधान]। पासपोर्ट और सरकारी नौकरियों के आवेदन से लेकर अन्य सरकारी सेवाओं के भुगतान के लिए अब आपको बैंक ड्राफ्ट या पोस्टल आर्डर बनवाने का झंझट नहीं रहेगा। सरकार ने इस तरह के सभी भुगतानों के लिए एक ई पेमेंट का पोर्टल तैयार किया है। इसके पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत अगले महीने वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे।

loksabha election banner

यह पोर्टल भारत के लेखा महानियंत्रक (सीजीए) कार्यालय ने तैयार किया है। फिलहाल इस पोर्टल का ट्रायल चल रहा है। खुद सीजीए जवाहर ठाकुर का कहना है कि इस व्यवस्था से सुदूर इलाकों में रहने वाले सरकारी नौकरी के इच्छुक युवाओं को मदद मिलेगी। अभी आवेदन के साथ जमा होने वाली फीस के लिए पोस्टल आर्डर जुटाने के लिए उन्हें दर-दर भटकना पड़ता है क्योंकि छोटे शहरों में अधिकांश डाकघरों में जरूरत के मुताबिक पोस्टल आर्डर नहीं मिलते।

दो बड़े, दो छोटे मंत्रालयों के साथ शुरुआत

नए पोर्टल में भारतीय स्टेट बैंक को साझीदार बनाया गया है, लेकिन बाद में इसमें अन्य सरकारी बैंकों को भी जोड़ने की योजना है। तीन माह पायलट प्रोजेक्ट चलाने के बाद सरकार की योजना इस पोर्टल को पूर्ण रूप से पहली अप्रैल 2015 से लांच करने की है। इस पोर्टल के जरिये शुरू में पासपोर्ट फीस जैसी सरकारी सेवाओं के भुगतान के साथ-साथ सरकारी नौकरियों की परीक्षा में आवेदन फीस दी जा सकेगी। ठाकुर के मुताबिक शुरुआत में दो बड़े मंत्रालयों और दो छोटे मंत्रालयों को इस पोर्टल के साथ जोड़ा जा रहा है।

भुगतान के दो विकल्प

पोर्टल में भुगतान के दो विकल्प होंगे। पहला, जिसमें आप किसी भी आवेदन से पूर्व ही भुगतान कर सकेंगे। ऐसे में आपको एक पावती (एकनॉलिजमेंट) संख्या मिलेगी जिसका उल्लेख उक्त आवेदन करने पर किया जा सकेगा। दूसरे विकल्प के तहत जब आप कोई ऑनलाइन आवेदन करेंगे तो भुगतान के लिए वेबसाइट इस पोर्टल पर खुद ब खुद ले जाएगी। अभी अलग-अलग सेवाओं के लिए अलग-अलग पेमेंट पोर्टल हैं। लेकिन नया पोर्टल जब पूरी तरह काम करने लगेगा तो सभी सरकारी सेवाओं के लिए भुगतान इसी के जरिए होंगे।

दोहरा फायदा

इस पोर्टल का एक लाभ तो यह होगा कि सभी सरकारी सेवाओं के भुगतान एक ही स्थान से होगा। दूसरे सरकारी सेवाओं के जरिए आने वाले राजस्व पर भी निगरानी रखना आसान होगा। इस तरह का राजस्व गैर कर राजस्व का हिस्सा होता है। एक अनुमान के मुताबिक इन सेवाओं से करीब चार लाख करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को मिलता है।

पढ़ेंः जीएसटी में अड़चन बन सकती है सालाना कारोबार की सीमा

पढ़ेंः जीएसटी की राह में लगा कारोबारी सीमा का अड़ंगा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.