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विलय बाद आठ लाख करोड़ बढ़ जाएगा एसबीआइ का संपत्ति आधार

भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में पांच सहयोगी बैंकों और बीएमबी के विलय होने के बाद वह दुनिया का टॉप ग्लोबल बैंकों में शामिल हो जाएगा।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 20 Aug 2016 09:16 PM (IST)Updated: Sat, 20 Aug 2016 09:26 PM (IST)
विलय बाद आठ लाख करोड़ बढ़ जाएगा एसबीआइ का संपत्ति आधार

मुंबई, प्रेट्र : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) में पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) के विलय के बाद उसकी परिसंपत्तियों में 8,00,000 करोड़ रुपये यानी 120 अरब डॉलर का इजाफा होगा। इससे वह दुनिया के टॉप ग्लोबल बैंकों में शामिल हो जाएगा।

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एसबीआइ के पांच सहयोगी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (एसबीटी), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (एसबीपी), स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (एसबीएच) और स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम) शामिल हैं। इन पांचों बैंकों के साथ 2013 में बने बीएमबी का एसबीआइ में विलय होना है। इस मर्जर से देश के इस सबसे बड़े बैंक की कुल परिसंपत्तियों में 36 फीसद की बढ़ोतरी होगी। इस तरह इसका एसेट बेस 30,00,000 करोड़ रुपये या करीब 447 अरब डॉलर हो जाएगा।

बैंक की ओर से बताया गया है कि यह विलय होने से एसबीआइ के सामने आइसीआइसीआइ बैंक की संपत्तियां सिर्फ एक चौथाई रह जाएंगी। यह उसे शीर्ष 50 ग्लोबल बैंकों में शामिल कर देगा। आइसीआइसीआइ बैंक देश का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है।

पढ़ें- भारतीय स्टेट बैंक ने सहयोगी बैंकों एवं महिला बैंक के साथ विलय को दी मंजूरी

विलय के बाद एसबीआइ की 24 हजार से ज्यादा शाखाएं होंगी। उसके कर्मचारियों की संख्या 2,70,000 पहुंच जाएगी। बैंक के 58 हजार एटीएम देशभर में 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को सेवाएं देंगे। बीते गुरुवार को एसबीआइ के निदेशक मंडल ने विलय कार्यक्रम को मंजूरी दी थी। साथ ही शेयर अदला-बदली संबंधी करार को भी अंतिम रूप दिया था। इसके तहत एसबीबीजे के शेयरधारकों को 10 रुपये मूल्य वाले प्रत्येक 10 शेयरों के लिए एसबीआइ के 28 शेयर (एक रुपये वाला) मिलेंगे। इसी तरह एसबीएम और एसबीटी के शेयरधारकों को प्रत्येक 10 शेयरों के लिए एसबीआइ के 22 शेयर मिलेंगे।

बीते महीने कैबिनेट ने विलय योजना को मंजूरी दी थी। अभी एसबीआइ की करीब 16,500 शाखाएं हैं। इनमें 36 देशों में 191 विदेशी कार्यालय शामिल हैं। पांच सहयोगी बैंकों की तकरीबन 6,800 शाखाएं हैं। एसबीआइ ने सबसे पहले 2008 में स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का अपने साथ विलय किया था। दो साल बाद इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का विलय हुआ था।

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