Move to Jagran APP

क्षेत्र समिति व जिला पंचायतें हो रहीं नजरअंदाज

उत्तर प्रदेश ने सीधे पंचायतों को धन भेजने पर सख्त आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे पंचायती राज व्यवस्था में असंतुलन पैदा होने का खतरा है।

By Anand RajEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 01:24 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 04:46 AM (IST)
क्षेत्र समिति व जिला पंचायतें हो रहीं नजरअंदाज

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। चौदहवें वित्त आयोग से आवंटित धनराशि को सीधे पंचायतों के खाते में भेजने पर सख्त आपत्ति जताते हुए उत्तर प्रदेश ने केंद्र पर पंचायती राज व्यवस्था में असंतुलन पैदा करने का आरोप लगाया।

loksabha election banner

राज्य के पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह ने कहा कि इस व्यवस्था में क्षेत्र समिति और जिला पंचायत प्रमुख कड़ी है, जिन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। यह उचित नहीं है। इससे तो पंचायती राज का बुनियादी ढांचा ही चरमरा जाएगा। सिंह ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बिरेंद्र सिंह ने हस्तक्षेप करने की गुहार भी लगाई।राजकिशोर सिंह यहां मंगलवार को आयोजित पंचायती राज मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लेने आये थे। केंद्र सरकार के इस प्रावधान पर सिंह ने कड़ी आपत्ति जताते हुए अपनी बात जोरदार तरीके से रखी।

पंचायतों के ढांचागत विकास के लिए केंद्र को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। केंद्र से मदद की दरकारजल जनित बीमारियों से ग्रस्त उत्तर प्रदेश के समूचे पूर्वाचल को केंद्र सरकार की मदद की सख्त दरकार है। स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए केंद्र सरकार को व्यावहारिक दिक्कतों पर भी विचार करना चाहिए। ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह से आग्रह करते हुए राजकिशोर ने कहा कि उत्तर प्रदेश का समूचा पूर्वाचल जलजनित बीमारियों से ग्रस्त रहता है।

पर्याप्त पानी होने के बावजूद लोगों को प्रदूषित पानी से काम चलाना पड़ रहा है। इसकी वजह से उत्तर प्रदेश का पूर्वाचल समेत देश का पूर्वी हिस्सा कई तरह की बीमारियों की चपेट में है। इसके लिए गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।

शौचालय के साथ स्नानघर

मौजूदा स्वच्छता अभियान पर सवाल उठाते हुए सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र की शौचालय बनाने की योजना को नाकाफी बताया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय बनाने के लिए मात्र 12 हजार रुपये की अल्प धनराशि से उपयोग लायक शौचालय नहीं बनाये जा सकते हैं।

शौचालयों में पानी की व्यवस्था न होने से वे बेकार पड़े रहते हैं। उन्होंने कहा महिलाओं के लिए शौचालय होना जितनी जरूरी है, उतना ही जरूरी स्नानघर भी। मां बहनों को स्नान के लिए बाहर नलों तक ही जाना पड़ता है। राज्य के पंचायती राज मंत्री सिंह ने कहा कि इसी समस्या को सुलझाने के लिए ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर शौचालय के साथ ही स्नान घर की योजना तैयार की गई है।

शौचालयों बनाने के 12 हजार रुपये के अतिरिक्त 19300 रुपये की राशि स्नानघर के निर्माण के लिए दी जा रही है। इससे दोनों का संयुक्त निर्माण करना संभव हो जाएगा और पानी की व्यवस्था भी हो जाएगी। इसके लिए प्रायोगिक परियोजनाएं राज्य के पांच जिलों कन्नौज, इटावा, आजमगढ़, सोनभद्र और फिरोजाबाद में चालू हो चुकी हैं।

योजना की सफलता के बाद इसके अगले चरण में बुंदेलखंड के चार जिलों झांसी, ललितपुर, बांदा और हमीरपुर के साथ बस्ती को शामिल किया गया है। यानी यह योजना अब राज्य के 10 जिलों में लागू है। इसे राज्य स्तर पर लागू करने के लिए केंद्र की मदद की जरूरत है।

ये भी पढ़ेंः देश की सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

ये भी पढ़ेंः दुनिया की सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.