Move to Jagran APP

भारतीय अंगूर, चावल के लिए अमेरिका खोले बाजार

बैठक में भारतीय दल की अगुवाई वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिकी दल का प्रतिनिधित्व उनके व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) माइकल फ्रोमैन ने किया।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 20 Oct 2016 10:05 PM (IST)Updated: Fri, 21 Oct 2016 02:14 AM (IST)
भारतीय अंगूर, चावल के लिए अमेरिका खोले बाजार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । अमेरिकी बाजार में भारतीय आमों की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भारत ने अब वहां अपने अन्य फलों व खाद्य उत्पादों के लिए भी बड़े बाजार की मांग को लेकर दवाब बढ़ा दिया है। अभी तक अमेरिका की तरफ से भारतीय कृषि बाजार को खोलने का दवाब बनाया जाता था लेकिन जब आज दोनों देशों के बीच ट्रेड पॉलिसी फोरम (टीपीएफ) की बैठक हुई तो भारत ही अपने कृषि उत्पादों के लिए आक्रामक मार्केटिंग कर रहा था। बैठक में भारतीय दल की अगुवाई वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण और अमेरिकी दल का प्रतिनिधित्व उनके व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) माइकल फ्रोमैन ने किया।

loksabha election banner

बैठक के बाद सीतारमण ने बताया कि अमेरिका को होने वाला आम निर्यात दोगुना हो गया है। लेकिन अभी अमेरिका ने सिर्फ वासी व बेंगलुरू के इरेडिएशन सेंटर को ही मंजूरी दी है। हमारी कोशिश है कि उत्तर भारत में भी आम निर्यात के लिए केंद्र बनाया जाए ताकि उत्तरी क्षेत्र से भी आम निर्यात बढ़ सके। वैसे अंगूर निर्यात को लेकर भी बात हुई है। दरअसल, दुनिया में इस बार अंगूर की खेती कम हुई है और भारत को उम्मीद है कि उसके अंगूर अमेरिकी बाजार की कमी को पूरी कर सकते हैं। अमेरिका को इस संबंध में पर्यावरण मंजूरी प्राधिकरण से आवश्यक मंजूरी की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का आग्रह किया गया है। इसी तरह से भारत ने चावल निर्यात को लेकर भी कोई रास्ता निकालने का आग्रह किया है ताकि भारतीय बासमती चावल के निर्यात को बढ़ाया जा सके। भारत का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय पेस्टिसाइट्स निर्माता कंपनियों के स्तर पर कमियां होने का खामियाजा उसके चावल किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

अमेरिकी दरों पर फैसले से तय होगी चाल

सीतारमण का कहना है कि, 'भारत अमेरिका से अपने कृषि उत्पादों के लिए अलग से कोई अनुमति नहीं मांग रहा है। हम यह भी नहीं कह रहे कि आप अपनी या भारत के सुविधा के मुताबिक अनुमति दे। सबसे बेहतर होगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो मानक हैं उनके आधार पर अनुमति दिया जाए।' वैसे अमेरिका की तरफ से भी कई कृषि उत्पादों के लिए भारतीय बाजार को खोलने का आग्रह किया गया है। अमेरिका खास तौर पर अपने बेरी की मार्केटिंग कर रहा है। यूएसटीआर की तरफ से बोरिक एसिड का मामला भी उठाया गया है। केरल उच्च न्यायालय के एक फैसले के बाद अमेरिका समेत तमाम देशों से आने वाले बोरिक एसिड में कमी हुई है।

भारत की तरफ से टोटलाइजेशन और वीजा फीस का मामला भी उठाया गया है। हालांकि इस पर अब अगले अमेरिकी प्रशासन की तरफ से फैसला होने के आसार हैं। मौजूदा ओबामा प्रशासन के कार्यकाल में अब सौ दिन भी नहीं बचे है। टोटलाइजेशन मुद्दे पर अमेरिका ने कई देशों के साथ समझौता कर लिया है लेकिन भारत के साथ अभी नहीं किया है। इससे अमेरिका के सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाली भारतीय कंपनियों व कर्मचारियों को भारी राहत मिलेगी।

भारत पर कम होगा अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का असर: अरविंद सुब्रमण्यम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.