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बिना निजी निवेश ऊंची विकास दर पाना असंभव

नई दिल्ली। सरकार भले ही आठ फीसद विकास दर हासिल करने के तमाम प्रयास करे मगर निजी क्षेत्र के निवेश के बिना यह संभव नहीं है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने कहा है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर एक खरब डॉलर खर्च करने का लक्ष्य है। मगर इसका आधा हिस्सा यानी 500 अरब डॉलर निजी निवेश से आना चाहिए। इसके बगैर अर्थव्यवस्था तेजी से नहीं दौड़ पाएगी। वे सोमवार को यहां उद्योग संगठन फिक्की के एक सम्मेलन में बोल रहे थे।

By Edited By: Published: Mon, 29 Apr 2013 09:36 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)
बिना निजी निवेश ऊंची विकास दर पाना असंभव

नई दिल्ली। सरकार भले ही आठ फीसद विकास दर हासिल करने के तमाम प्रयास करे मगर निजी क्षेत्र के निवेश के बिना यह संभव नहीं है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने कहा है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर एक खरब डॉलर खर्च करने का लक्ष्य है। मगर इसका आधा हिस्सा यानी 500 अरब डॉलर निजी निवेश से आना चाहिए। इसके बगैर अर्थव्यवस्था तेजी से नहीं दौड़ पाएगी। वे सोमवार को यहां उद्योग संगठन फिक्की के एक सम्मेलन में बोल रहे थे।

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योजना आयोग ने 12वीं योजना [2012-17] के लिए आठ फीसद विकास दर का लक्ष्य तय किया है। मोंटेक ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के विकास के लिए सरकार अकेले पूरा निवेश नहीं कर सकती क्योंकि संसाधन की कमी है। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जरूरी क्षेत्र के लिए संसाधन की भारी मांग है। इसलिए निजी निवेश बढ़ाने की सख्त आवश्यकता है। 12वीं योजना के पहले साल यानी वित्त वर्ष 2012-13 में पांच फीसद विकास दर का अनुमान है। जबकि चालू वित्त वर्ष 2013-14 में इसके करीब 6.5 फीसद की दर से बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इस लिहाज से आठ फीसद के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले तीन वित्त वर्ष में औसतन 9.5 फीसद विकास दर की आवश्यकता होगी। बैंक खातों में सीधे नगद हस्तांतरण [डीबीटी] योजना के बारे में मोंटेक ने कहा कि पांच-छह महीने में इसका असर नजर आने लगेगा। जहां यह स्कीम लागू हो गई है वहां के लोगों को इसका फायदा समझ में आने लगेगा। वैसे, केंद्र की योजना आम चुनाव से पहले इसे पूरे देशभर में लागू करने की है।

इस साल सुधरेगी अर्थव्यवस्था : मुद्राकोष

वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने वर्ष 2013 में देश की अर्थव्यवस्था 5.7 फीसद की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। वहीं अगले कैलेंडर वर्ष 2014 में यह 6.2 फीसद की दर से बढ़ेगी। विदेशी मांग बढ़ने से विकास दर में तेजी आएगी। साथ ही सरकार द्वारा उठाए जा रहे सुधारों के कदम से भी स्थिति बदलेगी।

'रीजनल इकोनॉमिक आउटलुक : एशिया एंड पेसिफिक' नाम से जारी रिपोर्ट में मुद्राकोष ने कहा है कि वर्ष 2012 में भारत की वास्तविक विकास दर चार फीसद रही है। वहीं 2011 में 7.7 फीसद और वर्ष 2010 में 11.2 फीसद की दर से अर्थव्यवस्था बढ़ी है। प्रत्यक्ष नगदी हस्तांतरण [डीबीटी] योजना को आधार कार्ड से जोड़ने के फैसले की सराहना करते हुए मुद्राकोष ने कहा है कि इससे सरकार सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] का आधा फीसद बचत कर सकेगी। इससे सब्सिडी लीकेज करीब 15 फीसद तक कम हो सकेगी। साथ ही गरीबों पर ज्यादा खर्च करने में मदद मिलेगी।


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