डीयू के टॉप फाइव कॉलेज में बिखरने वाले हैं फेस्ट के ये रंग
दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉलेज कैंपस में इन दिनों उत्साह और उम्मीदों का उत्सव नजर आ रहा है। आइए नार्थ कैंपस के टॉप-5 कॉलेज के उत्सव से रूबरू कराते हैं-
कहीं लिटरेरी फेस्ट के रंग, तो कहीं अदायगी का जादू, कहीं सुर ताल पर थिरकते छात्रों के कदम, तो कहीं पूरी दुनिया को मुठ्ठी में कर लेने वाला जज्बा लिए छात्रों के बीच वाद-विवाद...जी हां, परीक्षाएं खत्म होते ही छात्र अब बेफिक्र होकर उत्सव के रंग में रंगने की तैयारियों में जुट गए हैं। कॉलेज कैंपस की दीवारों पर लगे आगामी उत्सव के रंग बिरंगे पोस्टर बता रहे हैं कि हम फेस्ट की पूरी तैयारी कर चुके हैं। टेलेंट और मंच दोनों तैयार हैं। उमंग, उम्मीद और उत्सव के तमाम अनूठे रंग सजाने के लिए कॉलेज यूनियन भी शिद्दत से जुट गई हैं। छात्रों के टेलेंट का मंच बने इस फेस्ट का आयाम अब निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। जहां एक तरफ छात्रों का टेलेंट हर किसी को हतप्रभ करता है तो वहीं फिल्मी सितारों का जादू हर दिल पर छा जाता है।
यहां होता है कॉरपोरेट कॉनक्लेव :
श्री राम कॉलेज आफ कमर्स कॉलेज (एसआरसीसी) फेस्ट अलग अंदाज के चलते इसके चर्चे दूर दूर तक हैं। इसका इंतजार दूसरे कॉलेजों के छात्रों को भी रहता है। एसआरसीसी की कॉरपोरेट सचिव आर्या बताती हैं कि क्रास रोड फेस्ट के लिए एक महीने पहले से ही छात्र स्पोंसर की तलाश शुरू कर देते हैं। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस फेस्ट में एक करोड़ रुपये तक खर्च हो जाते हैं। हर साल स्टार परफॉर्मर को बुलाया जाता है। फूड फेस्ट भी खास आकर्षण का केंद्र होता है।
इस साल यह फेस्ट छह मार्च से नौ मार्च के बीच आयोजित होगा। इससे पहले कॉरपोरेट कॉनक्लेव का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बड़ी बड़ी कंपनियों के सीईओ भाग ले रहे हैं। कुछ तो इसी कॉलेज के पासआउट है। देश के वित्त मंत्री अरूण जेटली, रजत शर्मा, विजय गोयल इस कॉलेज के एल्युमिनाई हैं। फेस्ट में एल्युमिनाई भी मदद करते हैं। तीन दिन के उत्सव में 25 तरह के आयोजन होते हैं। फेस्ट का हर दिन सुर, संगीत और जश्न से लबरेज रहता है। छात्रों को मौज मस्ती के संग स्टार परफॉर्मर के संग झूमने का अवसर भी मिलता है। छात्रों की ज्यादा से ज्यादा वाह वाही लूटने, तालियां बटोरने और हर साल की तरह इस बार भी हिट शो करने का जोश यहां के छात्रों में देखा जा सकता है।
नए कलेवर के साथ पुरानी परंपरा
हिंदू कॉलेज में होने वाले उत्सव का अंदाज और रंगत दोनों जुदा हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के सबसे पुराने कॉलेजों में से एक ङ्क्षहदू कॉलेज में आयोजित होने वाले उत्सव का सिलसिला भी सबसे पुराना है। यहां देश की सबसे पहली संसद का गठन हुआ था। वो परंपरा आज भी बदस्तूर जारी है। साल 1928 में स्थापित इस कॉलेज में प्रधानमंत्री अपने कैबिनेट मंत्रियों से सलाह करके ही उत्सव का आयोजन कराते हैं। इसके लिए बाकायदा बजट भी पास किया जाता है। इस साल 28 फरवरी से दो मार्च तक होने वाले इस उत्सव के लिए भी खास तैयारियां चल रही हैं। हिंदू कॉलेज के प्रधानमंत्री भविष्य मेहता बताते हैं कि इनके कॉलेज के फेस्ट का आकर्षण यहां के स्टेज की साज सज्जा है। खेल के मैदान में आयोजित होने वाले इस फेस्ट के लिए 80 बाई 40 फीट का स्टेज तैयार किया जाता है।
म्यूजिक सिस्टम से लेकर थीम तक का फैसला कैबिनेट के मंत्री ही करते हैं। इस कॉलेज की खास बात ही यहां की संसदीय व्यवस्था है। इस कैंपस में दमदमी माई का पेड़ है जिसे देखने के लिए छात्र दूर दूर से आते हैं। उत्सव में कॉलेज के एल्युमिनाई भी शिरकत करते हैं। कॉलेज के एल्युमिनाई और दिल्ली सरकार में जनसंपर्क अधिकारी कंचन आजाद बताते हैं कि कॉलेज से पासआउट छात्र आज भी फेस्ट से जुड़े हुए हैं। फेस्ट से पहले एल्युमिनाई की बैठकें होती हैं। इस कॉलेज के एल्युमिनाई गौतम गंभीर, अर्जुन रामपाल, इम्तियाज अली, सुब्रमण्यम स्वामी, मीनाक्षी लेखी, टिस्का चोपड़ा, रेखा भारद्वाज भी इस फेस्ट में भाग लेने वाले छात्रों का उत्साह बढ़ाते हैं।
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रेनेसां में होता है खास
अभिताभ बच्चन के कॉलेज किरोड़ीमल का फेस्ट भी अनूठा होता है। उत्सव के सभी रंग यहां के फेस्ट में देखा जा सकता है। इस साल तीन से पांच मार्च में होने वाले फेस्ट रेनेसां में के लिए भी तैयारी शुरू हो चुकी हैं। कॉलेज के छात्रसंघ के अध्यक्ष सचिन बताते हैं कि कॉलेजों के फेस्ट से बेहतर करने की चाहत छात्रों और संघ को रहती है। इसी कोशिश का नतीजा है कि इस फेस्ट में हजारों की संख्या में छात्र आते हैं। इस साल भी फेस्ट में कुछ अलग देखने को मिलेगा। आने वाली फिल्म के प्रोमोशन का मंच भी बन सकता है यह फेस्ट।
पहले से भव्य हो गया आयोजन
हंसराज कॉलेज के उत्सव के मंच ने कई मशहूर हो चुके कलाकारों को अपने अभिनय को निखारने का मौका दिया। इनमें शाहरुख खान, अनुराग कश्यप, पलास सेन, शाइनी आहूजा, रणवीर कपूर शामिल हैं। इस बार भी इस कॉलेज में नुक्कड़ नाटक, बैंड ग्रुप, डांस, गीत संगीत, अभिनय के कई रंग बिखरेंगे। हंसराज कॉलेज की ङ्क्षप्रसिपल डॉ. रमा बताती हैं कि इस कॉलेज की खास बात यह है कि यहां छात्र भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम रखते हैं। कंफ्लूएंस यानी संगम नाम के इस फेस्ट में सभी संस्कृतियों को तरजीह दी जाती है। 25 साल पहले सालाना फेस्ट का आयाम इतना बड़ा नहीं था। तब फेस्ट एक दिन में सिमट जाया करता था। स्पिक मैके का क्लासिकल कार्यक्रम हुआ करता था। लेकिन अब तो इस फेस्ट को लेकर कॉलेज के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।
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टेमपेस्ट को क्षेत्रवाद से है गुरेज
वाइस चांसलर रहे मॉरिस ग्वेयर ने अपनी पसंदीदा अभिनेत्री कारमेन मिरांडा के नाम पर इस हॉस्टेल का नाम रखा था। साल 1948 में बने कॉलेज से पहले यहां हाउस की स्थापना की गई थी। इसलिए इस कॉलेज को मिरांडा हाउस कहा जाता है। शेक्सपियर के रोमानी नाटक 'द टेमपेस्ट' के नाम पर रखा गया इस कॉलेज का फेस्ट भी शानदार रहता है। महिला शक्ति और बुद्धिमता का खूबसूरत संगम मिरांडा हाउस के फेस्ट टेमपेस्ट में बखूबी देखा जा सकता है। यहां की छात्राओं को इस बात का फक्र भी है कि वे उत्सव के लिए स्पोंसर से लेकर थीम, स्टेज साज सज्जा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ स्टार परफॉर्मर बुलाने का काम खुद संभालती हैं। एक खास बात और है कि यहां हर साल ही उत्सव किसी न किसी थीम पर आधारित होता है। शायद यही वजह है कि पूरी शिद्दत और योजना बध तैयार किए गए इस फेस्ट का इंतजार हर साल छात्राओं को रहता है। स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष शालू बताती हैं कि 25, 26 फरवरी को होने वाले फेस्ट को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। सभी कॉलेज की निगाहें हमारे कॉलेज के फेस्ट पर हैं। इस बार भी सभी फेस्ट से अलग करने का उद्देश्य है। मिरांडा हाउस की परंपरा है कि वे सभी छात्राओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए कार्यक्रम तैयार करते हैं। इसलिए क्षेत्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम से गुरेज है।
प्रस्तुति : विजयालक्ष्मी