अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस: सब बचेंगे तो हम जिएंगे
छोटा सा कीड़ा हो या विशालकाय व्हेल, गुंथी है आपस में कुदरत की हर कड़ी। लगानी होगी इंसान को लालच पर लगाम ताकि बिखर न जाए जैव विविधता की यह लड़ी...
जीवन का महाजाल
पढ़ाई के लिए हम टीचर पर निर्भर होते हैं तो पोशाक के लिए टेलर पर। बीमार पड़ने पर हमें ठीक करता है डॉक्टर तो रहने के लिए बड़े-बड़े शहर बसाते हैं आर्किटेक्ट और इंजीनियर। एक दूसरे पर निर्भरता की यह आवश्यकता केवल इंसानी समाज में ही नहीं, पूरी कुदरत में है और इसे ही नाम दिया गया है ‘पारिस्थितकीय तंत्र’ अथवा ‘इको सिस्टम’। छोटी सी फफूंदी से लेकर विशालकाय जंगलों तक जीवधारी और वनस्पति एक-दूसरे से गुंथे हुए हैं जरूरतों के इस महाजाल में।
जैव विविधता दिवस पर प्रदर्शनी आयोजित
हर एक की है अहमियत
इको सिस्टम का आधार है ‘जैव विविधता’ अथवा ‘बायो डायवर्सिटी’। मरुस्थलों से लेकर महासागरों की गहराई तक विभिन्न आकार, रंग और रूपों में वनस्पति तथा जीव-जंतु पाए जाते हैं। इनमें से हर एक का अपना अलग-अलग काम और अहमियत होती है। उदाहरण के तौर पर नन्हीं-नन्हीं मधुमक्खियां केवल शहद ही नहीं बनातीं वे परागण के जरिए नई फसलों और पौधों के पनपने में भी सहायक होती हैं। सरल शब्दों में समझें तो सभी जीवधारियों और ही जैव विविधता कहा जाता है!
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इस साल की थीम
संयुक्त राष्ट्र संघ और इससे जुड़े संगठनों द्वारा हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई दिवस मनाए जाते हैं। हर साल इनकी थीम भी बदली जाती है ताकि दुनिया भर के लोग नए-नए मुद्दों के प्रति जागरूक हों। इस बार अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस की थीम है ‘लोग और उनकी आजीविका को कायम रखना’। मकसद इस बात पर विचार करना है कि कैसे इंसान कुदरत को छेड़े बिना अपनी रोजमर्रा की जिंदगी और रोजगार चला सकते हैं? उद्देश्य यह भी है कि जैव विविधता को बरकरार रखने के लिए स्थानीय लोगों की आय और आवास के विकल्प सुनिश्चित किए जाएं ताकि वे अपने भरण-पोषण के लिए पशु-पक्षियों और वनस्पतियों को नुकसान न पहुंचाएं!
जैव-विविधता संरक्षा को सामाजिक आंदोलन की जरूरत
मिल कर करो कोशिश
जैव विविधता को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। अगर तुम भी इसका हिस्सा बनना चाहते हो तो पहल बहुत आसान है। बस अपने आस-पास किसी भी तरह से पर्यावरण को नुकसान मत पहुंचाओ। चीजों को दोबारा इस्तेमाल करना और रीसाइकिल करना सीखो। पॉलीथीन का प्रयोग बंद करके कपड़े के थैले अपनाओ। पेड़-पौधे तो लगाओ ही, इसके साथ-साथ पेड़ों को कटने से भी रोको। बेवजह किसी जीवधारी की जान मत लो। जियो और हर जीवधारी-वनस्पति को जीने दो क्योंकि उनकी वजह से ही हम हैं, हमारी यह खूबसूरत दुनिया है।