अभी तो पार्टी शुरू हुई है
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद भले ही अन्य दलों के लोगों के होश गुम हो गए हों, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें यह अक्ल आ गई कि नए तरह की राजनीति कैसे की जानी चाहिए। इनमें से दो लोगों के दिमाग की बत्ती इतनी तेज
राजीव सचान, दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद भले ही अन्य दलों के लोगों के होश गुम हो गए हों, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें यह अक्ल आ गई कि नए तरह की राजनीति कैसे की जानी चाहिए। इनमें से दो लोगों के दिमाग की बत्ती इतनी तेज जली कि उन्होंने अपने घर के बिजली कनेक्शन ही कटवा दिए। इसके बाद उन्होंने अपनी-अपनी पार्टी के गठन का फैसला किया। इनमें से एक का गठन नाराज आदमी पार्टी के नाम से और दूसरे का आराम आदमी पार्टी के नाम से होगा। इन दोनों दलों ने अपने-अपने घोषणा पत्र भी तैयार कर लिए हैं और फिलहाल उनकी प्रतियां सिर्फ हमारे हाथ लगी हैं। दूसरे लोग हाथ मलते रह गए हैं। अभी यह तय नहीं किइन दलों के चुनाव चिन्ह क्या होंगे। एक सूत्र ने अपना नाम, पता और फोटो छापने की शर्त पर बताया कि होली के दिन दो बजे के बाद कभी भी इन दोनों दलों के गठन की विधिवत घोषणा हो सकती है। तभी चुनाव चिन्ह उजागर किए जाएंगे। इस घोषणा के पहले जानिए कि किस दल की क्या खासियत है और उनके घोषणा पत्रों में क्या कुछ खास होगा?
नाराज आदमी पार्टी
इस पार्टी का गठन उन लोगों के एक समूह ने किया है जिनका मानना है कि इस देश में हर आदमी नाराज है-कोई सरकार से तो कोई पाकिस्तान से तो कोई बीबी से तो कोई बॅास से तो कोई पड़ोसी से या फिर उसके कुत्ते से। इस दल के मुखिया ज्यादातर खुद से भी नाराज रहते हैं। कहा जा रहा है कि ललिता पवार उनकी दूर की रिश्तेदार थीं, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। पार्टी प्रमुख का मानना है कि देश में इतने नाराज लोग एक बड़ी ताकत हैं। उन्हें यकीन है कि हर सच्चा नाराज आदमी उनके साथ होगा। नाराज आदमी पार्टी के घोषणा पत्र में कहा गया है....
1-सबको समान रूप से बिना भेदभाव के नाराज होने का मौका दिया जाएगा, लेकिन बात-बात पर नाराज होने वालों को पांच प्रतिशत आरक्षण भी मिलेगा। नाराज आदमी चाहेगा तो उसे कहीं भी धरना देने और अनशन करने का मौका मिलेगा-यहां तक कि सुलभ शौचालय में भी और होटल-रेस्त्रां भी। कोई चाहेगा तो खाने का आर्डर देने के बाद भी भूख हड़ताल कर सकेगा।
2-हर किसी को यह अधिकार होगा कि वह अपनी नाराजगी के लिए सरकार को छोड़कर अन्य जिसे चाहे बुरा-बुरा कह सके। सरकार समय-समय पर उन लोगों के नाम जारी करेगी जिनके खिलाफ बिना भय या द्वेष के नाराजगी प्रकट की जा सके। सरकार देश भर में जगह-जगह ऐसे सेक्युलर धार्मिक केंद्र खोलेगी जहां जाकर लोग ऊपर वाले को भी कोस सकेंगे।
3-जो भी नाराजगी जाहिर करने से बचेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। ऐसे लोगों के वीडियो बनाकर सरकार को भेजे जा सकते हैं ताकि इसकी जांच कराई जा सके कि आखिर वे नाराजगी छिपा क्यों रहे हैं? पार्टी मानती है कि नाराजगी दबाकर रखने वाले या तो भ्रष्ट तत्वों से मिले होते हैं या फिर खुद भ्रष्टाचार में डूबे होते हैं।
4-पार्टी सत्ता में आते ही सबसे पहले एक खास एफएम रेडियो शुरू करेगी, जिसमें केवल दर्द भरे, गमगीन करने और चिढ़ाने वाले गीत बजेंगे। यह गीत तो हर घंटे बजेगा-दुनिया बनाने वाले..तूने काहे को दुनिया बनाई। अन्य तरह के गाने बजाने वाले शेष एफएम रेडियो, टीवी आदि पर टैक्स लगाया जाएगा और उससे अर्जित पैसा बजटीय प्रावधान के तहत सड़कों पर झगड़ा करने वालों को दिया जाएगा।
आराम आदमी पार्टी
इस पार्टी के गठन का एक बड़ा आधार देश भर में 17 लोगों के बीच किया गया एक व्यापक सर्वेक्षण है। इस सर्वेक्षण में पाया गया था कि हर कोई काम के बोझ से दबा है। यहां तक कि वे लोग भी जिनके पास कोई काम नहीं है। इस पार्टी के प्रमुख पहले फर्नीचर बेचने वाली एक कंपनी में काम करते थे। उन्होंने जब यह देखा कि सबसे ज्यादा मांग आराम कुर्सियों की है तो उन्होंने नौकरी छोड़कर भारतीयों काम छोड़ो नाम से आंदोलन चलाया। उनका मानना है कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा आराम उन्हें मुफ्त और रियायती चीजें देकर ही दिया जा सकता है। उनकी समझ से नेहरू ने आराम हराम है नारा देकर देश को बर्बाद कर दिया। बड़े भाग्य से मनुष्य योनि में आने को मिलता है। इसमें भी काम करना तो मानवता के प्रति अन्याय है। इस पार्टी के घोषणा पत्र के कुछ खास वायदे इस प्रकार हैं..
1-आराम आदमी पार्टी के शासनकाल में पार्टी के लोग घर-घर जाकर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार करेंगे। वे बच्चों का होमवर्क भी कराएंगे और मैथ्स के ट्यूशन भी देंगे। अगर कभी काम वाली नहीं आई तो एक खास नंबर पर मिस्ड काल करते ही सरकारी दस्ते के सदस्य बर्तन धोने के साथ झाडू-पोंछा भी कर जाएंगे। जिनके यहां स्कूल जाने लायक बच्चे नहीं होंगे उनके घरों में पार्टीे के लोग अखबार बांचने जाएंगे।
2 पार्टी के सत्ता में आते ही हर किसी को बिजली, पानी के साथ अखबार और चाय की पत्ती का एक छोटा पैकेट मुफ्त देना शुरू कर दिया जाएगा। जिनके यहां बिजली नहीं होगी उन्हें भी बल्ब, टेबल फैन के साथ मच्छर भगाने वाली लिक्विड इलेक्ट्रिक मशीन दी जागी ताकि कोई भी उपेक्षित न महसूस कर सके। इसके अलावा सरकार सबको सप्ताह में तीन दिन सुबह का नाश्ता भी उपलब्ध कराएगी। शेष तीन दिन शाम को सरकारी दस्ते के लोग हर गांव-गली और मोहल्ले में गरमा गरम पकौड़े बांटेंगे। यह सुविधा पूरे हफ्ते इसलिए नहीं मिलेगी, क्योंकि फिर ये लोग आराम नहीं कर पाएंगे और ऐसा हुआ तो पार्टी की विचारधारा को ठेस पहुंचेगी।
3-सरकार हर सरकारी और निजी कंपनियों के दफ्तरों में आराम के साढ़े तीन घंटे अनिवार्य करेगी। इसमें लंच का समय नहीं जोड़ा जाएगा। इसके लिए दफ्तरों में खास तौर पर आराम कक्ष बनवाए जाएंगे। ऐसे कक्षों में सीसीटीवी लगाए जाएंगे ताकि कोई आराम करने में कोताही न बरत सके। पार्टी को भरोसा है कि जब पूरा देश इतना आराम करेगा तो भारत खुशहाल देश के रूप में वल्र्ड हैपीनेस इंडेक्स में नंबर एक पर स्वत: पहुंच जाएगा। पार्टी को दो तिहाई बहुमत मिला तो वह आरामपाल बिल भी लाएगी।
4-सबका आराम सर्वोपरि- यह सरकार का नारा ही नीति भी होगी। इस नीति पर कड़ाई से पालन होगा और इसी कारण सारे काम आराम से किए जाएंगे, सख्ती के साथ बिना किसी समय सीमा के। इस नीति का पालन हर क्षेत्र में और यहां तक कि उद्योग-व्यापार और निवेश संबंधी नीति में भी किया जाएगा। हर देश से निवेश का स्वागत होगा, लेकिन जापानी कंपनियों को पूंजी निवेश की इजाजत तभी मिलेगी जब वहां की सरकार अपने नागरिकों के लिए कम काम करने का कोई सख्त नियम बनाएगी।