मां ने बताया था बॉलीवुड जैसा दिखता है वैसा है नहीं : करीना कपूर
अभिनेत्री करीना कपूर खान कहती हैं कि जीवन के हर मोड़ पर मॉम हम बेटियों के साथ हैं। बेटियों को और मां को इससे ज्यादा खुशी और क्या हो सकती है। इस बार मदर्स डे के लिए लोलो ने एडवांस में मॉम को इंटरनेशनल हॉलीडेज का तोहफा दिया है।
मां अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री
मेरी मां बबिता अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री रह चुकी हैं। उनकी मौसेरी बहन साधना भी बेहतरीन कलाकार थीं। अभिनय को अगर कुदरती कला माना जाए तो मेरी मां नेचरल अभिनेत्री थीं। उनके दौर में अभिनय सिखाने वाले क्लासेज, फॉरेन इंस्टीट्यूट्स नहीं थे, जो आज आसानी से दुनियाभर में हैं। मां का कॅरियर और भी शिखर पर जा सकता था, लेकिन वह कपूर खानदान की बहू बन गईं और उस जमाने में दादाजी (राज कपूर ) नहीं चाहते थे कि कपूर परिवार की बहू-बेटियां अभिनय में आएं। पापा (रणधीर कपूर) से शादी हुई और करियर पर फुलस्टाप लगा। मां का यह कहीं न कहीं अधूरा ख्वाब था, जो हम बेटियों ने (मैंने और लोलो) ने पूरा किया। मॉम का कहना है कि उनके लिए हम बेटियों ने जिंदगीभर का तोहफा दिया है। हम बेटियों की कामयाबी पर उन्हें गर्व है, लेकिन वह कहती हैं कि यह हमारी निजी उपलब्धि है।
यही सपना था कि मुझे सिर्फ और सिर्फ अभिनय में आना है
शायद ही कोई इस बात पर विश्वास करेगा कि मेरा अटूट विश्वास था और यही सपना था कि मुझे सिर्फ और सिर्फ अभिनय में आना है। चार-पांच साल की थी, तब से मैं अपनी मॉम की साडिय़ां और हाई हील्स सैंडल्स पहनकर घर में एक्टर बनकर घूमा करती थी। मेरी मां यह सब गौर कर रहीं थीं। जब मैं 14 साल की हुई, मैंने मां से कहा, मुझे आगे पढऩे में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं तो अभिनय करने के लिए पैदा हुई हूं। तब मॉम को अहसास हुआ कि बेबो तो अभिनय को लेकर सीरियस है। उन्होंने कहा, अभिनय में जाना है तो ऐसे ही घर से उठकर शूटिंग के लिए जाना नहीं होता! क्या तुम्हें फिल्में यानी अभिनय की दुनिया इतनी आसान लगी? यहां जाने के लिए पहले मेंटली और फिजिकली तैयार होना होगा। तुम्हें स्लिम होना पड़ेगा, खुद का खास ध्यान देना होगा, वर्कआउट और ग्रूमिंग के साथ सभी प्रकार की फिल्में देखनी होंगी। फिल्मों में जाने के लिए उस क्षेत्र की डिटेल्स में जानकारी होना निहायत जरूरी है।
मां ने बताया, बॉलीवुड जो ऊपर से नजर आता है, उससे अलग है
अपनी मजबूती और कमजोरी पर कमांड होनी चाहिए। मॉम ने ही मुझे अलर्ट किया कि बॉलीवुड जो ऊपर से नजर आता है, उससे अलग है। आसान है फिल्म के हिट होते ही ऊपर जाना, पर ऊंचाई पर टिकना आसान नहीं। प्रशंसा करने वालों के अल्फाज सही हों यह जरूरी नहीं। आप पर टीका-टिप्पणी करने वाले आपके दुश्मन हों यह जरूरी नहीं। दुनिया दिखावे की है, लेकिन कभी दिखावे पर मत जाना, जो इस आग की दरिया में तैर सकता है, वो दुनिया का कोई भी युद्ध जीत सकता है। मां के एक-एक शब्द बॉलीवुड के सफर में सच साबित होते गए। मैंने बॉलीवुड में एक्स्ट्रीम लेवल की निगेटिविटी महसूस की। यहां प्यार, तारीफ और पुरस्कार भी मिले, लेकिन सच क्या झूठ क्या इसकी तह तक जाना संभव न हुआ। मां ने जितनी भी जिंदगी देखी, उसका निचोड़ हम बेटियों में शेयर किया। आपने शायद ही मुझे किसी विवाद में पड़ते देखा होगा।
उसूलों के खिलाफ कोई निर्णय दिल को ठेस पहुंचाता है
मॉम बहुत पॉजिटिव हैं। कोई भी घटना हो उसमें उन्हें सकारात्मकता नजर आती है। यह गुण मुझे प्रेरित करता है। अभिनय में टिके रहने के लिए स्त्री के लिए बहुत समझौते करने की आवश्यकता होती है। प्रोफेशनल लेवल पर समझौते न करो तो हर्ज नहीं, क्योंकि उसूलों के खिलाफ जाकर किया कोई निर्णय दिल को ठेस पहुंचाता है, लेकिन शादी के बाद जो भी निर्णय लो, सोच-समझकर लो। हां, शादी का बंधन सफल बनाने के लिए कैसे भी समझौते करने पड़ें तो करने में कोई बुराई नहीं। सैफ और मेरी शादी होने से पहले लोगों ने क्या कुछ नहीं कहा। सैफ का उम्र में बड़ा होना, उनके बच्चे पहले से होना, हम दोनों के अलग धर्म। खैर, मैंने अपनी दिल की सुनी और यह रिश्ता आज कामयाब है। मां की कही सभी बातें, जो उन्होंने अपने अनुभवों से सीखी थीं, सच होती गईं। मां के दौर में भी हीरोइनों की मम्मी का अपनी बेटी के साथ होना बहुत कॉमन बात थी, लेकिन लोलो और मेरे साथ कभी भी मॉम सेट पर नहीं आईं। जब उनसे सलाह मांगी मॉम ने मार्गदर्शन किया।