युवाओं को फन नहीं, डिप्रेशन दे रही है नाइट लाइफ
हाल ही में एक निजी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के सर्वे में यह बात सामने आई है कि 65 प्रतिशत युवा डिप्रेशन का शिकार हैं।
बड़े शहरों की चकाचौंध भरी लाइफ में हर तरफ मौजमस्ती का आलम है, लेकिन फिर भी युवा कम उम्र से ही डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में एक निजी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के सर्वे में यह बात सामने आई है कि 65 प्रतिशत युवा डिप्रेशन का शिकार हैं।
सर्वे में यह भी सामने आया है कि शहरी युवाओं में यह प्रतिशत बढ़ा है जबकि बड़ी उम्र के लोगों में डिप्रेशन का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम हुआ है। विशेषज्ञों के मुताबिक युवाओं में इसके चलते हृदय रोग के लक्षण भी बढ़ रहे हैं। इसका सबसे बड़े कारण है बिगड़ता लाइफ स्टाइल।
नाइट लाइफ का 'फन' :
जिस नाइट लाइफ के आकर्षण में युवा बंध रहा
है, वह मौजमस्ती के साथ साथ अवसाद की तरफ भी धकेल रहा है। पार्टी में युवा देर रात तक जगते हैं। सुबह फिर से कामकाज की भागदौड़ शुरू हो जाती है। ऐसे में सोने के लिए बेहद कम समय मिल पाता है। नींद पूरी न हो पाने के चलते अवसाद पनपने लगता है। इस बारे में न्यूरो साइकोलॉजिस्ट तेजस्विनी का कहना है कि कम से कम सात से आठ घंटे की नींद आज के तनाव भरे जीवन की अनिवार्यता है। ऐसा नहीं करने पर तनाव हावी होने लगता है। इंसान धीरे-धीरे अवसाद की तरफ बढऩे लगता है। देर रात तक जागना स्वास्थ के लिए किसी भी लिहाज से हितकर नहीं है। तनाव दूर करने के लिए लोग पार्टी करते हैं, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम बहुत खराब होते हैं।
महिलाओं में बढ़ा है प्रतिशत सर्वे के मुताबिक महिलाओं में डिप्रेशन रेट अधिक है। इसका कारण यह है कि महिलाएं अपने स्वास्थ पर ध्यान नहीं देतीं हैं और प्रोफेशनल लाइफ की परेशानियों से तनाव लेती हैं। इस बारे में गाजियाबाद की साइकोलॉजिस्ट डा. नियति धवन का कहना है कि महिलाएं आज के दौर में वर्क प्लेस की चिंता करती हैं। परफेक्ट बनने की चाह में काम का बोझ दिमाग पर ले लेती हैं, जिससे वे अवसाद से घिरने लगती हैं। महिलाओं में अक्सर यह शिकायत होती है कि उन्हें आफिस की थकान के बाद भी नींद नहीं आती। नींद पूरी नहीं हो पाने के चलते समस्या गहराने लगती है।
बदलनी होगी दिनचर्या
गुरुग्राम के कार्डियोलॉजिस्ट डा. रवि कासलीवाल का कहना है कि आज के दौर में हेल्दी लाइफ स्टाइल को अपनाना बहुत जरूरी है। कुछ चीजें हमारे हाथ में नहीं हैं, लेकिन स्वस्थ भोजन, समय से सोना व उठना, सिगरेट व शराब का सेवन छोडऩा व सबसे महत्वपूर्ण है दिनचर्या में व्यायाम को शामिल किया जाना। उनके मुताबिक और कुछ नहीं तो बीस मिनट की सैर तो नियमित रूप से की ही जानी चाहिए। इससे डिप्रेशन के साथ साथ डाइबिटीज व दिल की समस्याओं सहित अन्य रोगों से दूर रहा जा सकता है।
प्रियंका दुबे मेहता
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