Move to Jagran APP

बालगंगा सिंचाई घोटाले में 11 के खिलाफ एफआईआर दर्ज

कांग्रेस-राकांपा सरकार के कार्यकाल में हुए सिंचाई घोटाले में राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार और प्रदेशाध्यक्ष सुनिल तटकरे की मुश्किल बढ़ गई है। एसीबी ने 93 करोड़ रुपये के हुए घोटाले के मामले में मंगलवार को 11 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2015 04:47 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2015 04:55 AM (IST)
बालगंगा सिंचाई घोटाले में 11 के खिलाफ एफआईआर दर्ज

पुणे। कांग्रेस-राकांपा सरकार के कार्यकाल में हुए सिंचाई घोटाले में राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार और प्रदेशाध्यक्ष सुनिल तटकरे की मुश्किल बढ़ गई है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी)की ठाणे यूनिट ने रायगड जिले की बालगंगा सिंचाई योजना में लगभग 93 करोड़ रुपये के हुए घोटाले के मामले में मंगलवार को कोपरी पुलिस स्टेशन (ठाणे) में 11 लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया है। इसमें सिंचाई विभाग के 6 अधिकारियों का नाम भी शामिल है।

loksabha election banner

एंटी करप्शन ब्यूरो के ठाणे विभाग के पुलिस अधीक्षक दत्ता कराले ने बताया कि सिंचाई विभाग ने 2009 में रायगड जिले के पेण इलाके में बालगंगा नदी पर बांध बनाने का निर्णय लिया था। इसके लिए टेंडर निकालने का काम कोंकण इरिगेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन(केआईडीसी) की देखरेख में हुआ था।

एसीबी का आरोप है कि इस सिंचाई योजना का ठेका एफ.ए. एंटरप्राइसजेस ने बनावट दस्तावेजों और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ करके हासिल किया। इसके लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पेपर पर चार ठेकेदारों द्वारा टेंडर भरने की सरकारी रिकार्ड में फर्जी जानकारी दर्ज की। इतना ही नहीं पूरे घोटाले को सुनियोजित ढंग से अंजाम देने के लिए एक अन्य साई बांध योजना के संकल्प पत्र का इस्तेमाल करके बालगंगा सिंचाई योजना के खर्च को 92 करोड़ 63 लाख रुपये तक बढ़ाया गया।

16 ठिकानों पर एसीबी ने मारे छापे

बालगंगा सिंचाई योजना में एफआईआर दर्ज कराने के बाद एसीबी के अधिकारियों ने मुंबई,नवी मुंबई, ठाणे, रायगड सहित कुल 16 स्थानों पर छापा मारा। ध्यान रहे कि सिंचाई विभाग के जिन 6 अधिकारियों का नाम एफआईआर में दर्ज कराया गया है। उसमें गिरीश गोपालराव बाबर, बालासाहेब भाऊसाहेब पाटिल, रामचंद्र दगडू शिंदे, आनंद कलौखे, राजेठ रिठे और विजय कसाट शामिल हैं। सिंचाई विभाग के इन छह अधिकारियों के साथ ही एफ.ए. कंस्ट्रक्शन के पांच लोगों का नाम भी एफआईआर में है।

उल्लेखनीय है कि दो महीने पहले ही सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन ने कोंकण इरिगेशन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के बालगंगा, कोंढाणे और कालू सिंचाई योजना की जांच को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही एसीबी के प्रमुख प्रविण दीक्षित को इन सिंचाई योजना से संबंधित सभी दस्तावेज भी सौंपे गये थे।

महाराष्ट्र के 15 सिंचाई योजनाओं में से 12 में करोड़ों रुपये का घोटाला होने का आरोप आम आदमी पार्टी के मयंक गांधी और अंजली दमानिया ने मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके लगाया हुआ है। महाराष्ट्र में हुए इस सिंचाई घोटाले की शिकायत एसीबी से भी की गई है। जिसकी जांच राज्य सरकार के आदेश पर एसीबी की ओर से शुरू है।

माना जा रहा है कि यदि एसीबी की जांच ने गति तेज होती है और उसका दायरा बढ़ता है, तो पूर्व उप मुख्यमंत्री अजित पवार और पूर्व सिंचाई मंत्री सुनिल तटकरे मुश्किल में आ जायेंगे। क्योंकि राकांपा के इन दोनों बड़े नेताओं के कार्यकाल में ही इस घोटाले को अंजाम दिये जाने का मुख्य रूप से आरोप है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.