2006 मालेगांव ब्लास्ट केस के सभी 9 आरोपी कोर्ट से बरी हुए
2006 में हुए मालेगांव बम धमाकों के सभी 9 आरोपियों को सोमवार को बरी कर दिया गया। 8 सितंबर 2006 को नासिक जिले के मुस्लिम बहुल मालेगांव के बड़ा कब्रिस्तान, मुशावरत चौक और हमीदिया मस्जिद के पास हुए बम विस्फोट में 37 लोग लोगों की मौत और 130 घायल हुए
पुणे/मुंबई। सितंबर 2006 में हुए मालेगांव बम धमाकों के सभी 9 आरोपियों को सोमवार को बरी कर दिया गया। 8 सितंबर 2006 को नासिक जिले के मुस्लिम बहुल मालेगांव के बड़ा कब्रिस्तान, मुशावरत चौक और हमीदिया मस्जिद के पास हुए बम विस्फोट में 37 लोग लोगों की मौत और 130 घायल हुए थे।
- इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार सभी लोगों को सिमी का कार्यकर्ता बताया गया था। मालेगांव में कुल तीन धमाके हुए थे।
- 2008 में हुए धमाके के मामले में एटीएस की जांच में अभिनव भारत संस्था का नाम सामने आया था। इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित सहित साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले की जांच अभी भी जारी है।
ये हुए बरी
- जस्टिस वीवी पाटिल ने नौ आरोपियों को बरी किया, इनमें से एक की मौत हो चुकी है।
- बरी होने वालों में सलमान फारसी, शबीर अहमद, नुरुलहुदा दोहा, रईस अहमद, मोहम्मद अली, आसिफ खान, जावेद शेख, फारूक अंसारी और अबरार अहमद के नाम हैं।
- इन सभी पर आरोप था कि ये ब्लास्ट में शामिल थे। शब्बीर 2015 में दुर्घटना में मारा गया था।
नहीं मिला कोई सबूत
- एनआईए ने मकोका कोर्ट में कहा था कि उसके पास इन नौ लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
- हालांकि पिछले दिनों एनआईए ने अपने रूख में बदलाव किया था और आरोपों से बरी करने का विरोध किया था।
- बरी किए लोग धमाकों के आरोप में पांच साल तक जेल में रहे थे। 2011 में इन्हें जमानत दी गई थी।
- मालेगांव धमाकों की जांच शुरू में महाराष्ट्र एटीएस कर रही थी। एटीएस ने ही इन नौ लोगों को पकड़ा था।
- एटीएस ने कहा था कि ये लोग सिमी(स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) से जुड़े हुए थे। इन्होंने लश्कर ए तैयबा की मदद से धमाकों को अंजाम दिया।