साहित्यकारों से इतिहास का निर्माण होगा : नितिन गडकरी
भाषा और व्यक्ति से परे समाज और राष्ट्र के निर्माण का काम अपने साहित्य के माध्यम से करना चाहिए। साहित्यकारों के शब्दों से ही देश के इतिहास का निर्माण होगा।" यह कहना है केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी का।
पुणे। 'सत्ता कितनी भी शक्तिशाली हो वह आंखें देख सकती है लेकिन विचार नहीं। इस देश में किसी को भी लिखने और बोलने की आजादी है, इसलिए साहित्यकारों को जाति पंथ, भाषा और व्यक्ति से परे समाज और राष्ट्र के निर्माण का काम अपने साहित्य के माध्यम से करना चाहिए। साहित्यकारों के शब्दों से ही देश के इतिहास का निर्माण होगा।" यह कहना है केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी का। वे पिंपरी में आयोजित 89वें मराठी साहित्य सम्मेलन के समापन के दौरान बोल रहे थे।
- आगे गडकरी ने कहा कि, राजनीतिक लोगों राजनीति के अलावा अन्य क्षेत्र में दखलअंदाजी देने की जरुरत नहीं है।
- मैं साहित्य को लेकर ज्यादा नहीं बोलूंगा। लेकिन साहित्यकारों के शब्दों से देश का इतिहास और भविष्य का निर्माण होनेवाला है।
- देश बदल रहा है, जो कल था वह आज नही है। एेस दौर में साहित्य के माध्यम से राष्ट्र और समाज का निर्माण होना जरुरी है।
- सूचना व प्राद्योगिकी और बायोटक्नोलाॅजी देश का भविष्य है।
- ज्ञान का संपत्ति में रुपांतरण ही हमारा भविष्य है। भावी पीढ़ी को संस्कार मिलने के लिए साहित्यिकों को प्रयास करना चाहिए।
समापन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गड़करी के अलावा सांस्कृतिक मंत्री विनोद तावडे, गीतकार जावेद अख्तर, आयोजक पी. डी पाटिल, सम्मेलन के अध्यक्ष श्रीपाल सबनीस के अलावा प्रमुख साहित्यिक कवि, और दर्शक मौजूद थे।