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बीफ बैन के बाद पुणे में बढ़ी भैंस के मांस की बिक्री

शहर में बीफ खाने वालों की प्लेट में अब बीफ की बजाय भैंस का मांस नजर आने लगा है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 08 Feb 2017 04:12 AM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2017 04:20 AM (IST)
बीफ बैन के बाद पुणे में बढ़ी भैंस के मांस की बिक्री
बीफ बैन के बाद पुणे में बढ़ी भैंस के मांस की बिक्री

पुणे। राज्य सरकार द्वारा 22 महीने पहले बीफ की बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद अब पुणे में इसके विकल्प की मांग तेजी से बढ़ने लगी है। खबरों के अनुसार शहर में बीफ खाने वालों की प्लेट में अब बीफ की बजाय भैंस का मांस नजर आने लगा है।

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एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार शहर में नॉनवेज खाने वाले ज्यादातर की प्लेटों में रेड मीट नजर आने लगा है क्योंकि उनके पास अब ज्यादा विकल्प नहीं बचे। बढ़ती मांग के चलते अब यह रेड मीट करीब 150 रुपए किलो बिक रहा है वहीं मटन की कीमत 400 रुपए किलो तक जा चुकी है।

ऑल इंडिया जमाइतुल कुरैश के अध्यक्ष शकिल कुरैशी के अनुसार भले ही भैंस के मांस की मांग बढ़ी है लेकिन लोगों को बीफ ज्यादा पसंद आता है। कुरैशी का दावा है कि राज्य में अधिकतर लोगों ने अपना व्यापार बंद कर दिया है क्योंकि उनके लिए एक भैंस का मांस बेचना ही मुश्किल काम हो गया था। इसके बाद इन लोगों ने दूसरी चीजें बेचना शुरू किया है वहीं कुछ ने नौकरी कर ली है।

एक होटल के मालिक हसन के अनुसार लोग भैंस का मांस ऑर्डर करने लगे हैं क्योंकि उनके पास विकल्प नहीं बचे हैं। कुरैशी का आरोप है कि वो वैध तरीके से बिजनेस कर रहे थे लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों और संस्थानों ने इसमें मुश्किलें खड़ा करते हुए जानवरों से भरी गाड़ियां पकड़ना शुरू किया और ड्रयवरों को पीटा भी।

कुरैशी ने आगे कहा कि हाईकोर्ट ने हमें मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात से भैंसे का मांस लाकर बेचने की अनुमति दी है लेकिन हमारी गाड़ियों को बीफ का शक जताते हुए रोककर पुलिस को सौंपना शुरू कर दिया है। हमने तो बीफ बुलाना बंद ही कर दिया है क्योंकि हमें सराकर और पुलिस से कोई मदद नहीं मिलती। उन्होंने आगे कहा कि सरकार रेड मीच को लेकर जागरूकता बढ़ाए कि इसे खाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।


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