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त्र्यंबकेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने पर हिरासत में ली गईं तृप्ति देसाई, हंगामा

महाराष्ट्र के नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश की मांग को लेकर जबरन त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश करने पर भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ति देसाई को पुलिस ने आज फिर हिरासत में ले लिया है।

By kishor joshiEdited By: Published: Fri, 25 Mar 2016 11:17 AM (IST)Updated: Sat, 26 Mar 2016 04:19 AM (IST)
त्र्यंबकेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने पर हिरासत में ली गईं तृप्ति देसाई, हंगामा

नासिक। महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने प्रतिबंध के बावजूद आज महाराष्ट्र के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में प्रवेश किया और पूजा की। इसके बाद पुलिस ने तृप्ति को हिरासत में ले लिया। बाहर आने पर तृप्ति ने कहा, मैंने भगवान शिव की पूजा की और कामना की है कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध खत्म हो। इस दौरान मंदिर परिसर में अफरा-तफरी का माहौल रहा। बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं नारेबाजी भी कर रही थीं। प्रतिबंध के मुद्दे पर त्र्यंबकेश्वर मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कैलास घुले का कहना है कि यह एक पुरानी परंपरा है। ऐसा नहीं है कि हाल के दिनों में कोई रोक लगाई गई हो। हालांकि, महिलाओं को कुछ दूर से दर्शन की इजाजत है।

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संजय शिखरे का परिवार लंबे समय से त्र्यंबकेश्वर मंदिर में पूजा-पाठ और अन्य कर्मकांडों को निभाता आ रहा है। उनका कहना है कि गर्भगृह में महिलाओं द्वारा पूजा-पाठ पर प्रतिबंध पेशवाओं के समय में लगाया गया था। हालांकि, कुंभ के समय में साध्वियों को गर्भगृह से बाहर रहकर पूजा करने की इजाजत दे दी जाती है।

कई अन्य पुरोहितों की मानें, तो खुद महिलाएं भी इस परंपरा को तोड़ना नहीं चाहती हैं। पुरुषों को भी प्रतिदिन सुबह छह से सात बजे तक गर्भगृह के मुख्य हिस्से में, जहां शिवलिंग स्थापित है, प्रवेश करने नहीं दिया जाता है।

पढ़ें: त्र्यम्बकेश्वर मंदिर विवाद में तृप्ति देसाई फिर हिरासत में

इससे पहले भी 7 मार्च को पुलिस ने तृप्ति देसाई को एहतियातन हिरासत में ले लिया था। भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति का कहना है कि वह त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में जाकर सदियों पुरानी परंपरा को तोड़ना चाहती है। जबकि मंदिर प्रशासन इसकी इजाजत नहीं दे रहा।

गौरतलब है कि इससे पहले भी तृप्ति ने शनि शिंगणापुर में भी महिलाओं के प्रवेश को लेकर आंदोलन छेड़ा था।


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