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भाजपा पर फिर आरोप मढ़े सामना ने

भाजपा और शिवसेना के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थम नहीं रहा है। शिवसेना ने आरोप लगाया है कि दिल्ली से महाराष्ट्र तक सच बोलनेवालों का मुंह दबाने की कोशिश की जा रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2016 06:18 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2016 06:25 AM (IST)
भाजपा पर फिर आरोप मढ़े सामना ने

मुंबई, राज्य ब्यूरो महाराष्ट्र में साझे की सत्ता चला रही भाजपा और शिवसेना के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थम नहीं रहा है। सोमवार को भी शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए आरोप लगाया है कि इन दिनों दिल्ली से महाराष्ट्र तक सच बोलनेवालों का मुंह दबाने की कोशिश की जा रही है।

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सामना के संपादकीय के जरिए शिवसेना ने लिखा है कि महाराष्ट्र की राजनीति आज मैली हो गई है। सच कहनेवालों का मुंह दबाने का काम हो रहा है। इसे ही कहते हैं सत्ता का दिमाग पर हावी हो जाना। आज के संपादकीय में शिवसेना एवं उसके मुखपत्र सामना की पीठ ठोंकने का काम भी किया गया है। संपादकीय में लिखा गया है कि शिवसेना सूर्य के तेज की तरह चमक रही है और सामना का तेज भी उसके साथ-साथ बढ़ता जा रहा है। शिवसेना और सामना एक-दूसरे के पूरक हैं और कोई भी उनके साथ बराबरी नहीं कर सकता। शिवसेना का सूर्य बताने के साथ ही संपादकीय यह भी लिखता है कि सूर्य पर थूकने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सूर्य पर थूका हुआ हमेशा अपने ही मुंह पर आकर गिरता है। बता दें कि कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता माधव भंडारी द्वारा भाजपा के मुखपत्र मनोगत में लेखकर शिवसेना और सामना को खरी-खरी सुनाई गई थी। माना जा रहा है कि इससे चिढ़कर ही आज सामना के संपादकीय में भाजपा के कुछ नेताओं को मनोरोगी बताया गया है।

संपादकीय लिखता है कि सामना एक विचार है। कागज जलता है, विचार नहीं जलते। सामना जलाने का विचार करना हिंदुत्व को जलाने जैसा है। लेकिन मनोरुग्ण से यह सब कौन कहे। लेकिन आज के संपादकीय में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री पर प्रहार करने से बचा गया है। आज सामना कहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रनिर्माण का जो बीड़ा उठाया है, उस बीड़े में सिंदूर मिलाने की कोशिश उनके ही कुछ लोग कर रहे हैं। आस्तीन के इन दलालों को मुख्यमंत्री फड़नवीस ही कुचल दें तो अच्छा हो। सामना के अनुसार मुख्यमंत्री पर हमारा विश्वास है। उन्होंने भ्रष्टाचार को तोड़ने और अपराध को खत्म करने का काम हाथ में लिया है। इसलिए उनके ही दल के कुछ फालतू लोगों में डर फैल जाने से उनकी मानसिक बीमारी बढ़ गई है। मुख्यमंत्री की कुर्सी को भी पलीता लगाने की कोशिश की जा रही है।


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