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किसानों से कृषि ऋण की वसूली 31 जुलाई तक स्थगित

वर्ष 2015-16 में जिन गांवों में खरीफ फसल की पैसेवारी 50 पैसे से कम है, वहां के किसानों से कृषि ऋण की वसूली 31 जुलाई 2016 तक स्थगित कर दी गई है। साथ ही कृषि कर्ज के पुनर्नियोजन की मियाद भी बढ़ा दी गई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 23 May 2016 05:50 AM (IST)Updated: Mon, 23 May 2016 05:54 AM (IST)
किसानों से कृषि ऋण की वसूली 31 जुलाई तक स्थगित

मुंबईवर्ष 2015-16 में जिन गांवों में खरीफ फसल की पैसेवारी 50 पैसे से कम है, वहां के किसानों से कृषि ऋण की वसूली 31 जुलाई 2016 तक स्थगित कर दी गई है। साथ ही कृषि कर्ज के पुनर्नियोजन की मियाद भी बढ़ा दी गई है। सहकारिता विभाग ने इस संबंध में रविवार को संशोधित शासनादेश जारी किया।

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- खरीफ फसल के दौरान ऐसे गांवों की संख्या 15 हजार से ज्यादा है, जिनकी पैसेवारी 50 पैसे से कम है

- यहां के किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने अल्प अवधि के कर्ज को मध्यम अवधि के कर्ज में बदल दिया था और कर्ज वापसी की अवधि तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दी थी।

- इसके लिए सरकार ने शुरुआत में 30 अप्रैल 2016 की समय सीमा तय की थी, लेकिन इसे बढ़ाने की मांग के मद्देनजर 31 जुलाई 2016 तक कृषि ऋण के पुनर्गठन व वसूली पर रोक लगा दी गई है।

28,762 गांव हैं सूखाग्रस्त

- पिछली खरीफ फसल के दौरान 24 हजार गांवों की पैसेवारी 50 पैसे से कम थी। उस वक्त सरकार ने कृषि ऋण का पुनर्गठन करते हुए पहले साल कर्ज का 12 फीसदी ब्याज भरने का निर्णय लिया था।

- बाकी के चार साल में छह फीसदी ब्याज भरने का भी ऐलान किया गया था। इस दौरान सूखे की स्थिति और विकट हो गई।

- सरकार अब तक 28,762 गांवों को सूखाग्रस्त घोषित कर चुकी है। इसमें रबी फसल के 1,091 गांव भी शामिल हैं।


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