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पांच लाख मराठों के आगे झुके मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस

कड़ी सुरक्षा के बीच भगवा झंडों के साथ मराठा पुरुषों और महिलाओं ने नौकरी और शिक्षा में आरक्षण के लिए मार्च किया।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 09:50 AM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 02:44 PM (IST)
पांच लाख मराठों के आगे झुके मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस
पांच लाख मराठों के आगे झुके मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस

 मुंबई, राज्य ब्यूरो। मुंबई में पांच लाख से अधिक मराठों ने शांतिपूर्ण विशाल रैली निकालकर अपने समाज की ताकत मनवा दी है। इसके परिणामस्वरूप महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस ने विधानसभा में मराठा समाज की मांगों पर कई आश्वासन दिए। फडऩवीस ने मराठा समाज के लिये 450 करोड़ रुपये की घोषणाओं के साथ ही उनकी समस्याओं के निराकरण के लिये कैबिनेट की उप समिति बनाने का भी

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वादा किया। इसके बाद आजाद मैदान में रैली समाप्ति की घोषणा की गई।

बुधवार को सुबह 11 बजे से मुंबई के भायखला स्थित जीजामाता उद्यान के सामने से शुरू हुई विशाल रैली में जहां एक अनुमान के मुताबिक पांच लाख से अधिक मराठों ने भाग लिया। कड़ी सुरक्षा के बीच भगवा झंडों के साथ मराठा पुरुषों और महिलाओं ने नौकरी और शिक्षा में आरक्षण के लिए मार्च किया। इस मार्च में मराठी बहुल वाले मुंबई के डब्बा वालों ने भी शिरकत की। सड़कों पर लोगों के हुजूम के चलते ही जेजे फ्लाइओवर पट गया। दक्षिण मुंबई में वाहनों के लिये जेजे फ्लाइओवर बंद कर दिया गया। साथ ही स्कूलों की भी छुट्टी कर दी गई। वहीं विधानसभा में शिवसेना समेत सभी दलों के मराठा विधायकों ने मिलकर उनकी मांगें जल्द से जल्द पूरी करने का दबाव बनाया। विधानसभा में मुख्यमंत्री फडऩवीस के आश्वासन दिए जाने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज सांसद संभाजी राजे भोसले ने आजाद मैदान में राज्य भर से आए लोगों को यह जानकारी दी और शांतिपूर्ण मूक प्रदर्शन समाप्त घोषित किया गया। एक मराठा, लाख मराठा का नारा देते हुए निकाली गई विशाल रैली में महिलाओं की सहभागिता भी काफी रही। उन्हें रैली की अग्रिम पंक्ति में रखा गया था। बता दें कि महाराष्ट्र में मराठों की आबादी 33 फीसद है और वे राज्य की 288 में से 75 सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

एट्रोसिटी एक्ट में सुधार का भरोसा:  

मुख्यमंत्री फडऩवीस ने विधानसभा में आश्वासन दिया कि वह मराठा समाज की समस्याओं का निराकरण करने के लिए तीन सदस्यीय मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन करेंगे। यह समिति तीन-तीन माह पर मराठा समाज के प्रतिनिधियों से मिलकर उनकी मांगे पूरी होने के संबंध में जानकारियां लेगी और रुकावटें दूर करेगी। मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के तहत मराठा समाज के उत्थान के लिए 450 करोड़ रुपये देने की घोषणा भी की।

एट्रोसिटी एक्ट में सुधार के संबंध में मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि जिला स्तर पर एक समिति बनाई जाएगी। इस समिति द्वारा विचार के बाद ही किसी मामले में एट्रोसिटी एक्ट लगाया जाएगा, ताकि उसका दुरुपयोग रोका जा सके। मराठा आरक्षण का मुद्दा उच्च न्यायालय द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग को भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि सरकार आयोग से जल्दी ही रिपोर्ट देने को कहेगी। 

यह भी पढ़ें: मराठा क्रांति मोर्चा: आरक्षण की मांग को लेकर लगा जाम


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