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पाकिस्तान के नक्कालों से सावधान!

इसी अंदाज में पाकिस्तान के ठग भारत में किसी भी शख्स को फोन करके बड़ी रकम के ईनाम की बात करके अपने जाल में फंसाते

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sat, 20 Aug 2016 12:18 AM (IST)Updated: Sat, 20 Aug 2016 04:59 AM (IST)
पाकिस्तान के नक्कालों से सावधान!

मिड डे, मुंबई। "हम कौन बनेगा करोड़पति से बोल रहे हैं। आपके सिम कार्ड पर आपने 25 लाख रुपये की लाटरी जीती है। अमिताभ बच्चन जी ने लकी ड्रा में जो सिम कार्ड निकाला है वो आपके नाम पर है।"

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इसी अंदाज में पाकिस्तान के ठग भारत में किसी भी शख्स को फोन करके बड़ी रकम के ईनाम की बात करके अपने जाल में फंसाते हैं। झूठे आश्वासनों के साथ वह उन्हें लाखों रुपये का चूना लगाते हैं।

हाल ही में मुंबई और आसपास के कस्बों में विभिन्न लोगों को ऐसी फोन कॉल आई हैं। पाकिस्तान से आने वाले इन फोन कॉलों के नंबर +92 या 0092 से शुरू होते हैं।

चूंकि इन फोन नंबरों को विदेश से ऑपरेट किया जाता है इसलिए पुलिस के हाथ भी बंधे होते हैं। ऐसे फर्जीवाड़ों में पुलिस सिर्फ इतना कर पाती है कि वह लाभार्थियों को तलाशने की कोशिश करती है। बाद में पता चलता है कि वह फर्जी बैंक एकाउंट है।

ऐसी ही एक ठगी की जांच कर चुके एक पुलिस वाले ने अपना नाम न बताने की शर्त पर बताया कि फोन धारक का विश्वास जीतने के लिए पहले कॉलर अपने शिकार को चार नंबरों का एक अंक बताया है।

फिर कहता है कि आपके सिम कार्ड के पीछे यही नंबर लिखा हुआ है। सिम कार्ड धारक अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ करके सिम के पीछे लिखे नंबर को पढ़ता है और नंबर वही होने पर खुश हो जाता है।

झांसा देने की यह तरकीब काम कर जाती है। कॉलर को आपने फोन नंबर के सिम कार्ड का नंबर पहले से ही इसलिए पता होता है क्योंकि उसका संपर्क मोबाइल कंपनी के किसी कर्मचारी से होता है।

इन कर्मचारियों के पास आपकी और आपके सिम कार्ड की पूरी जानकारी होती है। एक आइपीएस अफसर ने बताया कि यह धांधली करने वाले पीड़ित का विश्वास जीतते ही असली खेल शुरू करते हैं।

पीड़ित की जमा रकम हासिल करने के लिए यह ठग कई बहाने बनाते हैं जैसे :- एक नया खाता खोलना है या कर अदायगी करनी है। ऐसी ही एक धोखाधड़ी में ठग इतना आगे बढ़ गया कि उसने कहा कि कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) के होस्ट अमिताभ बच्चन को लाटरी के ईनाम के चेक पर दस्तखत करने हैं। और इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए वह पीड़ित से और पैसे मांगते हैं।

महाराष्ट्र पुलिस के (साइबर) महानिदेशक ब्रिजेश सिंह ने बताया कि ठगी के ऐसे मामलों में जिन फोन नंबरों का इस्तेमाल किया जाता है वह केवल ठगी के लिए ही होते हैं। ऐसी किसी वारदात को अंजाम देने के तुरंत बाद वह उस नंबर को नष्ट कर देते हैं। और जांच में खाते भी फर्जी नाम-पते पर होते हैं।


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