खडसे की दाऊद से कोई बात नहीं हुई : एटीएस
महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने फड़नवीस सरकार के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे को क्लीन चिट दे दी है।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते ने फड़नवीस सरकार के पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे को क्लीन चिट दे दी है। एटीएस ने मुंबई उच्च न्यायालय को बताया है कि प्राथमिक जांच में उसे खडसे की दाऊद इब्राहिम से बातचीत के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। लेकिन इस मामले में कुछ गंभीर तथ्य सामने आए हैं, जिनकी जांच तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा किए जाने की जरूरत है।
मुंबई उच्चन्यायालय की एक खंडपीठ आज गुजरात के हैकर मनीष भंगाले की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दाऊद - खडसे फोन मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी। न्यायमूर्तिद्वय एन.एच.पाटिल एवं पी.डी.नाईक की खंडपीठ के सामने एटीएस की जांच रिपोर्ट सौंपते हुए उसके वकील नितिन प्रधान ने कहा कि जैसा कि हैकर भंगाले ने आरोप लगाया था, एटीएस की प्रारंभिक जांच में आतंक से जुड़ा कोई कोण सामने नहीं आया है। न ही दाऊद एवं एकनाथ खडसे के बीच फोन पर बातचीत का आरोप सही पाया गया है। लेकिन अब तक की जांच में कई और गंभीर तथ्य सामने आए हैं, जिनकी जांच पुलिस की साइबर सेल को करनी चाहिए। प्रधान के अनुसार एटीएस अपनी अब तक की जांच रिपोर्ट साइबर सेल को सौंपेगी, ताकि उसके तकनीकी विशेषज्ञ अपनी जांच को आगे बढ़ा सकें।
प्रधान ने याचिकाकर्ता के इस तर्क को भी गलत बताया कि उसके द्वारा दी गई सूचनाओं को राज्य सरकार का तंत्र गंभीरता से नहीं ले रहा है। प्रधान के अनुसार राज्य की पुलिस द्वारा सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इसलिए इस मामले को सीबीआई जांच के लिए देने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने भी प्रधान के तर्कों से सहमति जताते हुए याचिकाकर्ता से कहा कि हर मामले को सीबीआई जांच के लिए भेजे जाने की जरूरत नहीं है। एक बार राज्य पुलिस द्वारा जांच पूरी होने के बाद यदि उसे लगता है कि कोई बिंदु छूट गया है, तो वह फिर से उच्चन्यायालय से सीबीआई जांच की मांग कर सकता है। प्रधान द्वारा पेश रिपोर्ट देखने के बाद खंडपीठ ने याचिककर्ता को ये निर्देश भी दिए कि जब-जब एटीएस को उसकी जरूरत पड़े वह उसके सामने उपस्थित होकर आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराए।
कई विवादों में घिरने के बाद पिछले महीने ही राज्य के राजस्व मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके एकनाथ खडसे ने आज एटीएस की क्लीन चिट मिलने के बाद कहा कि विपक्ष द्वारा उनकी और उऩकी पार्टी की छवि खराब करने के लिए इस प्रकार के आरोप लगातार लगाए जाते रहे । उस समय जब मैं कह रहा था कि दाऊद फोन प्रकरण से मेरा कोई लेना-देना नहीं है, तो कोई सुनने को तैयार नहीं था। अब सच्चाई सबके सामने आ चुकी है। बता दें कि हैकर मनीष भंगाले ने अप्रैल माह में यह दावा किया था कि कराची स्थित माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम के घर के लैंडलाइन फोन से खडसे के मुंबई स्थित सरकारी आवास पर पांच बार फोन किए गए। खडसे को इसके अलावा उनके सचिव द्वारा 30 करोड़ की घूस लेने के मामले में भी महाराष्ट्र के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एम.एल.तहलियानी द्वारा क्लीन चिट दी जा चुकी है।