मुंबई विवि में हिंदी भवन बन कर रहेगा : तावड़े
महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने कहा है कि मुंबई विश्वविद्यालय में डॉ राममनोहर त्रिपाठी हिंदी भाषा भवन बनकर रहेगा।
मुंबई। महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने कहा है कि मुंबई विश्वविद्यालय में डॉ राममनोहर त्रिपाठी हिंदी भाषा भवन बनकर रहेगा। इसको लेकर सरकार का रुख सकारात्मक है। मंगलवार को विधानभवन में मुंबई विश्वविद्यालय के कालिना परिसर में हिंदी और उर्दू भाषा भवनों के निर्माण कार्य में आनेवाली दिक्कतों को लेकर उन्होंने बैठक बुलाई थी।
कांग्रेस विधायक नसीम खान की पहल पर बुलाई गई बैठक में उन्होंने विश्वविद्यालय के रुख पर नाराजगी जताई। शिक्षा मंत्री ने कहा डॉ राममनोहर त्रिपाठी साहित्य और हिंदीभाषी समाज में एक बड़ा नाम है। डॉ त्रिपाठी के नाम से बनने वाले भवन को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। मुंबई उपनगर के तत्कालीन पालकमंत्री आरिफ नसीम खान के प्रयासों से विधानसभा चुनाव से पहले हिंदी भवन बनाने के लिए भूमिपूजन हुआ था। इसके लिए निधि भी आवंटित कर दी गई थी। पिछले दिनों आरटीआई से पता चला था कि हिंदी भवन के लिए दी गई दो करोड़ रुपए की निधि सरकारी कोष में वापस लौटाई जा रही है।
खान की पहल पर इस मुद्दे पर मंगलवार को आयोजित बैठक में मुंबई उपनगर के कलेक्टर दीपेंद्र सिंह कुशवाहा, विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डाॅ. संजय देशमुख, आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, वरिष्ठ पत्रकार बृजमोहन पांडेय, अनिल गलगली, मुंबई हिंदी पत्रकार संघ के अध्यक्ष आदित्य दुबे, महासचिव विजय सिंह कौशिक, सचिव राजकुमार सिंह, निरंजन परिहार, सोनू श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।
सभी भाषाओं के विभाग बनाने का काम चल रहा
बैठक में वाइस चांसलर ने बताया कि 500 करोड़ रुपए की लागत की एक गगनचुंबी इमारत बनाकर इसी में सभी भाषाअों के विभाग बनाने की कार्ययोजना पर विश्वविद्यालय काम कर रहे हैं। इसके लिए भवन का निर्माण रोक दिया गया था। पिछले वाइस चांसलर ने इस काम के लिए विश्वविद्यालय की मैनेजमेंट काउंसिल से अनुमति लेने की औपचारिकता पूरी नहीं की थी। विधायक नसीम खान ने इस पर तीव्र आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि भवन की सारी औपचारिकता पूरी करने और निधि विश्वविद्यालय के पास पहुंचने के बाद बाकायदा वर्क आॅर्डर निकालकर भवन का भूमिपूजन किया गया था।
शिक्षा मंत्री तावड़े ने बताया कि उन्हें विश्वविद्यालय की बहुमंजिला इमारत का मास्टर प्लान अगले महीने मिलेगा। इसका अध्ययन करके वे खुद यह सुनिश्चित करेंगे कि यहां पर हिंदी भवन बने। उन्होंने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि डाॅ त्रिपाठी हिंदी भाषा भवन बनकर रहेगा।