महाराष्ट्र सरकार तय करेगी दाल की कीमतें, मंत्रिमंडल ने लिया फैसला
सरकार ने दाल की कीमतें स्थिर रखने के लिए दर नियंत्रण कानून बनाने का फैसला किया है। इसको लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में नए कानूनी मसौदे को मंजूरी दी गई। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून राज्य में लागू हो जाएगा।
मुंबई। राज्य सरकार ने दाल की कीमतें स्थिर रखने के लिए दर नियंत्रण कानून बनाने का फैसला किया है। इसको लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में नए कानूनी मसौदे को मंजूरी दी गई। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून राज्य में लागू हो जाएगा और राज्य सरकार दाल की न्यूनतम दर निश्चित कर सकेगी।
खाद्य एवं आपूर्त मंत्री गिरीश बापट ने कहा कि कानूनी मसौदे पर राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने में दो माह का वक्त लगने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि जरूरत व दाल के स्टॉक के मद्देनजर सरकार अधिकतम छह माह के लिए इस कानून को लागू कर सकेगी।
इसके तहत कार्रवाई करने के लिए नियमावली बनाई जाएगी। कानून का उल्लंघन करने व्यापारी व उत्पादकों के खिलाफ तीन माह से एक साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। दाल की कीमतें नियंत्रित करने को लेकर कानून बनाने वाला महाराष्ट्र देश में पहला राज्य है।
मसौदे में ये है खास
- नया कानून तुअर, उड़द, मूंग समेत अन्य दालों पर लागू होगा।
- दाल की खरीदी, मिलिंग प्रोसेज, यातायात खर्च व मुनाफे के आधार पर कीमतें निश्चित होंगी।
- प्रमुख महानगरों, महानगरपालिका क्षेत्र, जिला व ग्रामीण समेत सभी जगहों पर दाल की कीमतें अलग-अलग होंगी।
- व्यापारी व उत्पादक को दाल बेचने के बाद रसीद देना अनिवार्य होगा।
- कानून का उल्लंघन करने व्यापारी व उत्पादकों के खिलाफ तीन माह से एक साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान
गांवों में सस्ती दाल मिलने की उम्मीद
उदाहरण स्वरूप कोई दाल यदि मुंबई-पुणे में 125 रुपए किलो बिकेगी तो चंद्रपुर जिले में वही दाल 120 रुपए किलो और वर्धा में 100 रुपए में ग्राहकों मिल सकती है। यातायात समेत अन्य खर्चों के आधार पर कीमतें हर जगह कम ज्यादा होंगी। यानी कीमतों में 5 से 8 फीसदी तक का अंतर देखने को मिल सकता है।