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सूखे का स्थायी हल चाहते हैं मुख्यमंत्री

केंद्र की मदद एवं राज्य में उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस सूखे का स्थायी हल खोजने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद इन योजनाओं में और तेजी आने की उम्मीद की जा रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 08 May 2016 05:28 AM (IST)Updated: Sun, 08 May 2016 05:32 AM (IST)
सूखे का स्थायी हल चाहते हैं मुख्यमंत्री

मुंबई [ओमप्रकाश तिवारी ]। केंद्र की मदद एवं राज्य में उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडऩवीस सूखे का स्थायी हल खोजने का प्रयास कर रहे हैं।

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फडऩवीस सरकार इस वर्ष केंद्र, राज्य एवं विश्व बैंक की संयुक्त मदद से राज्य के 5000 गांवों को एवं अगले पांच वर्षों में 25000 गांवों को सूखामुक्त बनाना चाहती है। इसके लिए अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन, दोनों योजनाओं पर काम चल रहा है। शनिवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद इन योजनाओं में और तेजी आने की उम्मीद की जा रही है।

प्रधानमंत्री से शनिवार को हुई मुलाकात के पहले फडऩवीस कुछ दिनों पहले केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री उमा भारती से भी मिलकर राज्य की सिंचाई परियोजनाओं पर लंबी चर्चा कर चुके हैं। फडऩवीस ने सूखे से बुरी तरह पीडि़त मराठवाड़ा की 132 लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 7,187 करोड़ रुपए एवं विदर्भ की 98 परियोजनाओं के लिए 4,098 करोड़ रुपए की मांग केंद्र से की थी।

मुख्यमंत्री का मानना है कि विदर्भ एवं मराठवाड़ा की ये लंबित परियोजनाएं पूरी हो जाएं तो बरसात होने पर पर्याप्त जल संचित कर सूखे की समस्या का स्थायी समाधान ढूंढा जा सकता है।

फडऩवीस ने पिछले वर्ष राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही पूरे प्रदेश में जलयुक्त शिवार नामक योजना पर काम शुरू कर दिया था। इस योजना के तहत राज्य में पहले से चल रही विभिन्न सिंचाई एवं जल संचय परियोजनाओं को मिलाकर ग्राम स्तर पर जल संचित करने की योजना पर काम शुरू किया था। सरकार को उम्मीद है कि इस वर्ष यदि ठीकठाक बरसात हुई तो जलयुक्त शिवार योजनाओं में पर्याप्त जलसंचय कर सूखे की समस्या का स्थायी हल खोजा जा सकेगा।


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