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चंद्रशेखरन आज संभालेंगे टाटा समूह की बागडोर

टाटा समूह के 150 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई गैर-पारसी टाटा संस का चेयरमैन पद संभालेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 21 Feb 2017 01:28 AM (IST)Updated: Tue, 21 Feb 2017 01:42 AM (IST)
चंद्रशेखरन आज संभालेंगे टाटा समूह की बागडोर
चंद्रशेखरन आज संभालेंगे टाटा समूह की बागडोर

मुंबई, प्रेट्र। देश के प्रमुख औद्योगिक घराने टाटा समूह की बागडोर मंगलवार से एन चंद्रशेखरन के हाथ में आ जाएगी। समूह के 150 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई गैर-पारसी टाटा संस का चेयरमैन पद संभालेगा। इसके साथ ही समूह नए युग में प्रवेश करेगा। उम्मीद की जा रही है कि 54 वर्षीय चंद्रा इस औद्योगिक घराने के बोर्डरूम में हाल ही में मचे घमासान के साये से समूह को निकाल विकास की राह पर ले जाएंगे। यह बोर्डरूम की जंग टाटा संस के चेयरमैन पद से बर्खास्त होने के बाद साइरस मिस्त्री ने शुरू की थी।

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चंद्रा को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को शीर्ष पर पहुंचाने का श्रेय जाता है। चंद्रशेखरन अभी तक देश की दिग्गज आइटी कंपनी टीसीएस के एमडी व सीईओ थे। समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के निदेशक बोर्ड द्वारा बीते साल 24 अक्टूबर को साइरस की अचानक बर्खास्तगी के बाद चेयरमैन पद खाली हुआ था। अस्थायी व्यवस्था के तौर पर रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया था। इसके अलावा नए चेयरमैन की तलाश के लिए समिति गठित की गई थी। इस समिति ने ही 12 जनवरी को चंद्रशेखरन को टाटा टाटा संस का नया चेयरमैन नियुक्त करने का एलान किया था। वह चंद्रा के नाम से भी मशहूर हैं। चंद्रा ने बीते हफ्ते ही नई जिम्मेदारी को बहुत बड़ा काम बताया था। उन्होंने कहा था कि इसके साथ तमाम चुनौतियां व अवसर जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही चंद्रा ने उम्मीद जताई कि नए पद पर वे कुछ अलग कर पाएंगे।

बड़ी चुनौतियों से पाना होगा पारइस पद पर चंद्रशेखरन के समक्ष पहली सबसे बड़ी चुनौती समूह की कंपनी टाटा स्टील के यूरोपीय कारोबार को लेकर है। उन्हें इस घाटे वाले कारोबार के लिए कोई स्थायी समाधान ढूंढना होगा। इसके अलावा दूसरी बड़ी चुनौती रतन टाटा के ड्रीम प्रोजेक्ट नैनो को दुरुस्त करने की होगी। अब तक इस लखटकिया कार परियोजना पर टाटा मोटर्स को 1,000 करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है।

टीसीएस ने किया 16,000 करोड़ के बायबैक ऑफर का एलान

मुंबई। टीसीएस के एमडी व सीईओ के तौर पर आखिरी दिन सोमवार को चंद्रा ने शेयरधारकों को बड़ा तोहफा दिया। इस दिन कंपनी के निदेशक बोर्ड ने 16,000 करोड़ रुपये तक के शेयर बायबैक की मंजूरी दे दी। कंपनी खुले बाजार से 2,850 रुपये प्रति शेयर भाव पर अपने ५.६१ करोड़ शेयर वापस खरीदेगी। यह बायबैक टीसीएस की 2.85 फीसद इक्विटी हिस्सेदारी के बराबर होगा।

कंपनी में प्रोमोटरों की हिस्सेदारी 73.33 फीसद है। इस आइटी कंपनी के पास करीब 43,000 करोड़ रुपये की नकदी है। इस मायने में बड़ा फैसलाटीसीएस की तरफ से बायबैक का फैसला इस मायने में खासी अहमियत रखता है कि घरेलू आइटी कंपनियों पर शेयरधारकों की चिंताएं दूर करने का दबाव है। इन फर्मो के पास भारी-भरकम नकदी पड़ी है, जिसके इस्तेमाल को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। आगे चलकर इंफोसिस भी बायबैक की घोषणा कर सकती है।शेयरधारकों को होगा फायदा टीसीएस का शेयर सोमवार को बीएसई में 98.35 रुपये यानी 4.08 फीसद की जोरदार तेजी के साथ 2,506.50 रुपये पर बंद हुआ। अगर 2850 रुपये के भाव पर बायबैक किया जाता है, तो शेयरधारकों को सीधे 344 रुपये प्रति शेयर फायदा होगा।

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