युद्धपोत आइएनएस विराट को पर्यटन केंद्र बनाने की तैयारी में आंध्र सरकार
मौजूदा समय में मुंबई के डॉक पर खड़ा आइएनएस विराट चार दशक तक भारतीय नौसेना को अपनी बेहतरीन सेवाएं दे चुका है।
मुंबई, आइएएनएस। आंध्र प्रदेश ने नौसेना से इसी साल 4 मार्च को सेवामुक्त हुए ऐतिहासिक युद्धपोत आइएनएस विराट को पर्यटन केंद्र बनाने का बीड़ा उठाया है। आंध्र सरकार ने इसके लिए टेंडर नोटिस जारी किया है। इसकी आखिरी तारीख 26 जुलाई है। भारत के पहले युद्धपोत आइएनएस विक्रांत की तरह इसे तोड़कर इसे कबाड़ में बेचे जाने के बजाय इसके गौरवशाली इतिहास को देखते हुए इसे नया जीवनदान देने की यह सराहनीय कोशिश है।
मौजूदा समय में मुंबई के डॉक पर खड़ा आइएनएस विराट चार दशक तक भारतीय नौसेना को अपनी बेहतरीन सेवाएं दे चुका है। सी हैरियर जेट के संचालन से लेकर युद्धक विमानों के शार्ट टेकऑफ, वर्टिकल लैंडिंग के साथ ही सभी प्रकार के नौसैनिक हेलीकॉप्टरों के संचालन में सक्षम आइएनएस विराट का सबसे अहम पहलू था 12 डिग्री झुका विशाल रैंप।
इस पर कठिन हालात में भी सुरक्षित टेकऑफ और लैंडिंग संभव थी। अपने स्वर्णकाल में आइएनएस विराट के पास आत्मरक्षा के लिए नजदीकी शस्त्र प्रणाली और कंप्यूटर चालित सूचना प्रणाली भी थी। इनसे मिली सूचनाओं के आधार पर ही पोत के सेंसर सक्रिय हो जाते थे। बताया जा रहा है कि आइएनएस विराट की स्थिति बहुत ही अच्छी है। इस युद्धपोत के निस्तारण, परिवर्तन या किसी अन्य उपयोग पर कोई भी फैसला रक्षा मंत्रालय को ही लेना है।
आइएनएस विराट को पूर्ववर्ती नाम एचएमएस हरमेस के तौर पर 1953 में लांच किया गया था और इसे ब्रिटेन की रॉयल नेवी में 18 नवंबर 1959 को कमीशन किया गया। 12 मई 1987 को इसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया और आइएनएस विराट नाम दिया गया।