मधुमक्खियों ने किसान को बनाया लखपति
एक किसान बिना जमीन, पानी और फसल उगाए हर महीने लाखों रुपए कमा रहा है। वह भी दूसरों के खेत से। जी हां ऐसा कर दिखाया है बुलढाणा के यंग किसान राजेंद्र बैरागी ने।
मुंबई। एक किसान बिना जमीन, पानी और फसल उगाए हर महीने लाखों रुपए कमा रहा है। वह भी दूसरों के खेत से। जी हां ऐसा कर दिखाया है बुलढाणा के यंग किसान राजेंद्र बैरागी ने।
कमा रहे हैं लाखों रुपए
- राजेंद्र के पास 8 एकड़ पुश्तैनी जमीन थी, जिस पर मुनगा (ड्रम स्टिक्स) की खेती होती थी।
- लेकिन बार-बार बिगड़ते मौसम के कारण मुनगा की फसल खराब हो रही थी।
- इस दिक्कत को लेकर राजेंद्र बुलढाणा के एग्रीकल्चर कॉलेज गए, जहां उन्हें मधुमक्खी पालन की सलाह मिली।
- उन्होंने ग्रामोद्योग से मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग ली, इसके साथ ही इंटरनेट से भी पढ़ाई की।
- फिर क्या था, उन्होंने अपने खेत में एक्सपेरिमेंट किया और बिना पानी, मिट्टी, बिजली इस्तेमाल किए मधुमक्खी पालन शुरू कर दिया।
- उनका बिजनेस आज महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश तक फैल चुका है।
कैसे करते हैं कमाई
राजेंद्र के मुताबिक कई राज्यों के किसान उनसे कॉन्टेक्ट करते हैं। वे उनके खेतों पर जाकर फसल और जियोग्राफिकल कंडीशंस का इंस्पेक्शन करते हैं। इसके बाद संबंधित किसान से डील कर कुछ हफ़्तों के लिए खेत का एक एरिया ऑक्युपाय कर लेते हैं। यहां रैक्स वाले डिब्बों में मधुमक्खी पालते हैं।
मधुमक्खी के फसल पर बैठने पर फसल भी अच्छी होती है और शहद की क्वालिटी बेहतर हो जाती है। इस बिजनेस से राजेंद्र और किसान दोनों को फायदा होता है। आयुर्वेदिक मार्केट में शहद की बड़ी डिमांड होने पर कीमत भी अच्छी मिल जाती है।
अभी क्या है स्थिति
- फिलहाल राजेंद्र के पास मधुमखियां पालने 700 पेटियां हैं।
- इससे उन्हें हर साल 10 से 15 टन शहद मिलता है।
- बाजार में लगभग 300 किलो के रेट पर शहद बिक जाता है।
- इस हिसाब से सालभर में कमाई 40 से 45 लाख रुपए होती है।