हाईकोर्ट ने स्टे देने से किया इनकार, छगन भुजबल को वापस करना होगा गार्डन
बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व मंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता छगन भुजबल को झटका दिया है। मामला भुजबल के बांद्रा स्थित मुंबई एज्युकेशन ट्रस्ट(एमईटी) को उद्यान के रुप में दी गई जगह को वापस लौटाने का है।
मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व मंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता छगन भुजबल को झटका दिया है। मामला भुजबल के बांद्रा स्थित मुंबई एज्युकेशन ट्रस्ट(एमईटी) को उद्यान के रुप में दी गई जगह को वापस लौटाने का है। इस संबंध में मुंबई महानगरपालिका ने नोटिस जारी किया था। एमईटी ने इस नोटिस पर स्टे लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। पर हाईकोर्ट ने स्टे लगाने से इनकार कर दिया।
हाईकोर्ट ने और क्या कहा?
अदालत ने यह जरूर कहा कि यदि जगह सौंपने के लिए एमईटी को समय चाहिए तो वह देने को तैयार है। इसलिए अब एमईटी को उद्यान के रुप में मिली जगह वापस करनी पड़ेगी। मुंबई महानगरपालिका ने खुले क्षेत्र (ओपन एरिया) को लेकर नई नीति बनाई थी, इसके तहत उद्यान व मैदान दत्तक के रुप में दिए जाने का प्रावधान था। लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर रोक लगा दी है। इसके बाद महानगरपालिका ने 36 लोगों को नोटिस जारी किया है। इसमें से एमईटी एक है।
एमईटी ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति सीवी भडंग के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान खंडपीठ ने कहा कि क्या इस मामले की तुरंत सुनवाई जरुरी है। इस पर एमईटी की ओर से पैरवी कर रहे वकील मिहीर देसाई ने कहा कि मनपा आठ दिन के भीतर उद्यान को अपने कब्जे में ले लेगी। इसलिए पहले नोटिस पर स्टे लगाया जाए।
मनपा के वकील अनिल साखरे ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि उद्यान अपने पास रखने की अवधि समाप्त होने के बाद नोटिस दी गई है। सारे नियमों का पालन किया गया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने नोटिस पर स्टे लगाने से इंकार कर दिया और मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी।