स्वच्छ भारत अभियान के लिए पेट्रोल-डीजल और फोन बिल हो सकते हैं महंगे
स्वच्छ भारत अभियान पर बने मुख्यमंत्रियों के समूह ने टेलीकॉम सेवाओं, पेट्रोल-डीजल और खनिज पदार्थों पर अधिभार (सेस) लगाने की सिफारिश की है। इसका उद्देश्य देश को पांच साल में स्वच्छ बनाने पर होने वाले खर्च के लिए पैसे जुटाना है।
मुंबई। स्वच्छ भारत अभियान पर बने मुख्यमंत्रियों के समूह ने टेलीकॉम सेवाओं, पेट्रोल-डीजल और खनिज पदार्थों पर अधिभार (सेस) लगाने की सिफारिश की है। इसका उद्देश्य देश को पांच साल में स्वच्छ बनाने पर होने वाले खर्च के लिए पैसे जुटाना है। समूह ने बिना शौचालय वाले परिवार के सदस्यों के चुनाव लडऩे पर रोक लगाने, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को शौचालय निर्माण पर 15,000 रुपए अनुदान देने की भी सिफारिश की है। स्वच्छ भारत सेस की घोषणा साल 2015-16 के बजट में की गई थी।
नीति आयोग द्वारा गठित मुख्यमंत्रियों के इस समूह की यहां बुधवार को चौथी बैठक हुई। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सिफारिशों को अंतिम रूप दिया गया। समूह 10 दिनों में रिपोर्ट तैयार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेगा। नायडू ने बताया कि फिलहाल अधिभार की दर के बारे में सिफारिश नहीं की जा रही है। फिलहाल इसने ठोस कचरे के प्रबंधन पर अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया है। पूरे देश को स्वच्छ बनाने पर कितना खर्च आएगा, इसका आकलन जारी है। रिपोर्ट में इसका उल्लेख होगा। नीति आयोग स्वच्छ भारत दिशानिर्देश तैयार करेगा।
नायडू ने बताया कि देश को पांच साल में स्वच्छ बनाने के लक्ष्य से स्वच्छ भारत अभियान को राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय, जिला स्तरीय और पंचायत स्तर पर मिशन के तौर पर संचालित करने का सुझाव आया है। इस पर होने वाले खर्च में केंद्र और राज्यों का योगदान क्रमश: 75 और 25 फीसदी रखने की सिफारिश की जा रही है। बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और मिजोरम के मुख्यमंत्री ललथनवाला के साथ ही कई राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारी, नीति आयोग की सीईओ सिंधुश्री खुल्लर मौजूद थीं।
महाराष्ट्र वर्ष 2017 तक खुले में शौच से मुक्त
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के गांवों को 2017 तक साफ-सुथरा एवं खुले में शौच से मुक्त बनाने का संकल्प जताया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत व स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान के अंतर्गत झुग्गी-झोपड़ी और दुर्गम भागों में शौचालयों के निर्माण को सरकार ज्यादा प्राथमिकता देगी। इसके लिए 12 हजार रुपए अनुदान दिया जाएगा। स्वच्छ भारत अभियान पर मुख्यमंत्रियों के उप समूह की नीति आयोग में बैठक हुई।
बैठक में भाग लेने आए राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया कि मुंबई में केंद्र सरकार की जगहों पर तथा सीआरजेड की जमीन पर बसी झुग्गियों में स्वच्छतागृहों का निर्माण नहीं कर पाने की वजह से झुग्गियों को शौच मुक्त बनाने में बाधा उत्पन्न हो रही है।
ऐसी जगहों पर स्वच्छतागृह के निर्माण को मंजूरी प्रदान करने के अलावा स्वच्छ अभियान के तहत कुछ विषयों पर स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण अभियान के कार्यान्वयन में कई समस्याए आ रही हैं, लिहाजा आयोग की ओर से ऐसे विषयों पर स्पष्ट नीति बनाने का निर्देश दिया।
केंद्र व राज्य स्तर पर स्वच्छ भारत कोष
मुख्यमंत्रियों के उप समूह ने स्वच्छता कार्यक्रम को लागू करने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर स्वच्छ भारत कोष बनाए जाने के अलावा दीर्घकालीन कर मुक्त ऋण जुटाने, उपयोग नहीं हो रहे 1 करोड़ 39 लाख शौचालयों का इस्तेमाल शुरू करने निधि जारी की सिफारिशें केंद्र सरकार से की है। प्रति शौचालय 15 हजार रुपए की निर्माण सहायता उपलब्ध कराने और उन लोगों पर चुनाव लडऩे से रोक लगाने को भी कहा है जिनके घरों में शौचालय नहीं है, की सिफारिश की। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नायडू ने बैठक के बाद कहा िक समूह ने नीति आयोग को समूह की सिफारिशों पर अगले दस दिन में रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि सभी मुख्यमंत्री रिपोर्ट जमा करने प्रधानमंत्री से समय मांगेंगे।