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महाराष्ट्र के हक का पानी गुजरात को दिया तो जाएंगे कोर्ट: भुजबल

राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा है कि महाराष्ट्र के हक का पानी यदि गुजरात को दिया गया, तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने विधानसभा में गुजरात और महाराष्ट्र के बीच चल रहे पानी बंटवारे का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री ने इस मसले पर बैठक करने की मांग की।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 19 Jul 2015 01:53 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jul 2015 01:58 AM (IST)
महाराष्ट्र के हक का पानी गुजरात को दिया तो जाएंगे कोर्ट: भुजबल

मुंबई। राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा है कि महाराष्ट्र के हक का पानी यदि गुजरात को दिया गया, तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने विधानसभा में गुजरात और महाराष्ट्र के बीच चल रहे पानी बंटवारे का मुद्दा उठाया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मसले पर बैठक करने की मांग की।

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भुजबल ने सदन में राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह बोल कुछ और रही है और कर कुछ और रही है। उन्होंने मांग की कि पार-तापी-नर्मदा (पीटीएन) के बदले नार-पार-गिरणा (एनपीजी) इन नदियों के लिंक परियोजना को राष्ट्रीय प्रकल्प घोषित कराने के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए। ऐसा करने पर पार नदी का पूरा 29 टीएमसी पानी पर पूरा का पूरा हक महाराष्ट्र का रहेगा।

जलसंपदा मंत्री गिरीष महाजन ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि मुंबई मनपा ने दमणगंगा-पिंजाल प्रकल्प की पूरी रिपोर्ट केंद्रीय जल आयोग के पास मंजूरी के लिए जनवरी महीने में ही भेजी हुई है। इसी तरह पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना की पूरी योजना रिपोर्ट जल्द ही राष्ट्रीय जल विकास अभियान के जरिए सादर की जायेगी।

महाजन ने कहा कि दमणगंगा-पिंजार और पार-तापी-नर्मदा नदी परियोजना को राष्ट्रीय प्रकल्प योजना के अंतर्गत करने की संभावना की पड़ताल करना निर्देश केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री ने जलसंसाधन मंत्रालय को दिया हुआ है।


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