पैकेज दूध की कीमत तय करने बनाएं समिति, विभाग भेजेगा सरकार को प्रस्ताव
पैकेज दूध की कीमतों को लेकर दुग्ध संघ से लेकर वितरक तक मनमानी कर रहे हैं। दूध की दर तय करने करने के लिए सरकार को एक समिति बनानी चाहिए। इस बारे में राज्य का नाप-तौल विभाग राज्य के महा लेखा परीक्षक से संपर्क करेगा।
मुंबई। पैकेज दूध की कीमतों को लेकर दुग्ध संघ से लेकर वितरक तक मनमानी कर रहे हैं। दूध की दर तय करने करने के लिए सरकार को एक समिति बनानी चाहिए। इस बारे में राज्य का नाप-तौल विभाग राज्य के महा लेखा परीक्षक से संपर्क करेगा।
ओवरचार्जिंग के खिलाफ अभियान शुरु करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी नाप-तौल विभाग के कंट्रोलर संजय पांडेय ने शनिवार को दूध उत्पादकों, वितरकों और उपभोक्ता संगठनों की बैठक बुलाई थी। बैठक के दौरान उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों ने अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक कीमत वसूले जाने की शिकायत की।
महानगर के जेजे स्कूल आफ आर्ट के सभागार में आयोजित बैठक के दौरान पांडेय ने कहा कि दूध की कीमतों को लेकर मनमानी की जा रही है। अलग-अलग कंपनियां अलग-अलग दर तय करती हैं और उपभोक्ताओं से एमआरपी से अधिक पैसे वसूले जाते हैं। यह सब बंद होना चाहिए। दूध की कीमत तय करने के लिए सरकार को एक समिति बनानी चाहिए। उस तरह की मांग हम सरकार के सामने रखेंगे।
उन्होंने कहा कि ग्राहकों के साथ इस तरह की लूट बंद नहीं हुई तो ओवरचार्जिंग रोकने के लिए प्रस्तावित कानून के लागू होने के बाद ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाएगा। इस मौके पर मुंबई ग्राहक पंचायत के शिरीष देशपांडे ने दूध वितरकों और फुटकर विक्रेताओं के रवैए पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि दूध के पैकेट पर छपी कीमत से दो-तीन रुपए ज्यादा लिए जाते हैं।