घायलों के इलाज से मना नहीं कर सकते अस्पताल
बांबे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को दुर्घटना में घायल लोगों का इलाज करने का फरमान सुनाया है। अदालत ने राज्य सरकार को सभी अस्पतालों को यह सूचना देने को कहा है कि वे घायलों के इलाज में टालमटोल नहीं कर सकते। न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और
मुंबई। बांबे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को दुर्घटना में घायल लोगों का इलाज करने का फरमान सुनाया है। अदालत ने राज्य सरकार को सभी अस्पतालों को यह सूचना देने को कहा है कि वे घायलों के इलाज में टालमटोल नहीं कर सकते।
न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और एआर जोशी की खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता समीर झावेरी की एक याचिका पर शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। झावेरी ने अदालत को बताया कि इलाज न होने से रेल हादसे में घायल एक महिला ने दम तोड़ दिया। दुर्घटना के नौ घंटे बाद तक उसके इलाज की कोई व्यवस्था नहीं की गई। झावेरी ने अपनी याचिका में कहा कि रेलवे को हादसे के एक घंटे के अंदर स्टेशनों पर घायल की प्राथमिक चिकित्सा का इंतजाम करना चाहिए। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को सभी अस्पतालों से यह निर्देश देने को कहा कि किसी भी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तत्काल भर्ती कर उसका इलाज किया जाना चाहिए।