प्रचार में बच्चों के इस्तेमाल पर खत्म होगी पार्टी की मान्यता: हाईकोर्ट
मुंबई। यदि कोई राजनीतिक पार्टी चुनाव प्रचार के दौरान नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल करती है तो चुनाव आयो
मुंबई। यदि कोई राजनीतिक पार्टी चुनाव प्रचार के दौरान नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल करती है तो चुनाव आयोग की ओर से ऐसी पार्टियों की मान्यता समाप्त कर दी जाएगी। मंगलवार को चुनाव आयोग की ओर से पैरवी कर रहे वकील पी.राजगोपाल ने हलफनामा के जरिए बॉम्बे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि यदि कोई मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टी चुनाव प्रचार के दौरान बच्चों का इस्तेमाल करती है तो या तो पार्टी की मान्यता वापस ले ली जाएगी या फिर उसे निलंबित कर दिया जाएगा। न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के समक्ष उन्होंने कहा कि हमने 16 सितंबर को सभी राजनीतिक पार्टियों को पत्र लिखकर प्रचार के दौरान बच्चों का इस्तेमाल नहीं करने का निर्देश दिया है। ऐसा ही पत्र पिछले साल भी दिया गया था। इसलिए चुनाव आयोग की ओर से जारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
निर्दलीय उम्मीदवार पर क्या कार्रवाई ? जवाब देने मांगा समय
इस पर खंडपीठ ने कहा कि यदि कोई निर्दलीय उम्मीदवार प्रचार के दौरान बच्चों का इस्तेमाल करता है तो उसका क्या ? इस पर चुनाव आयोग ने जवाब देने के लिए समय मांगा। इसे देखते हुए खंडपीठ ने याचिका को विचारार्थ मंजूर कर मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है।
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता चेतन भूतडा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव प्रचार के दौरान बच्चों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है। इस संबंध में आचार संहिता में आवश्यक बदलाव का अनुरोध किया गया है।