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राज्यपाल और राज्य सरकार में टकराव

By Edited By: Published: Fri, 05 Sep 2014 03:03 AM (IST)Updated: Fri, 05 Sep 2014 02:43 AM (IST)
राज्यपाल और राज्य सरकार में टकराव

मुंबई। राज्य के सरकारी कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियों से राज्यपाल सी. विद्यासागर राव की मुलाकात पर कई मंत्रियों ने आपत्तिजताई है। इन मंत्रियों ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में राज्यपाल की कार्यशैली पर ऐतराज जताते हुए इस बात की शिकायत केंद्रीय गृहमंत्री से करने की मांग की। इस पर कांग्रेस की अपेक्षा राकांपा के मंत्री ज्यादा आक्रामक दिखायी दिये। मंत्रियों का कहना था कि राज्यपाल मंत्रियों की जगह सरकारी अधिकारियों से मुलाकात कर अलग-अलग मामलों की जानकारी हासिल कर रहे हैं। उनका यह कदम संविधान के खिलाफ है। इन आरोपों के बाद राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव की अटकलें लगनी शुरू हो गईं हैं।

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वस्त्रोद्योग के अनुदान पर आपस में भिड़े मंत्री

वस्त्रोद्योग अनुदान को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्री आपस में ही भिड़ गए। पश्चिम महाराष्ट्र के मंत्रियों ने योजना अपने इलाके में भी लागू करने की मांग की, लेकिन विदर्भ व मराठवाड़ा के मंत्रियों ने इसका विरोध किया। इस पर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पश्चिम महाराष्ट्र के जिन डी प्लस तालुकाओं में कपास पैदा होता है वहां योजना को लागू करने का आश्वासन दिया, लेकिन विदर्भ के मंत्रियों ने इस पर आपत्तिजताई। नागरी आपूर्ति मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि अनुदान के लिए पश्चिम महाराष्ट्र के किसान भी कपास की खेती शुरू कर देंगे।

सहरिया को चुनाव आयुक्त बनाने की तैयारी में सरकार

राज्य सरकार ने विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के पूर्व प्रदेश के रिक्त पड़े मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्ति की पहल शुरू कर दी है। सरकार प्रदेश के ही पूर्व मुख्यसचिव जेएस सहारिया को राज्य का चुनाव आयुक्त बनाने की तैयारी में है। बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में चुनाव आयुक्त पद के लिए उनके नाम की सिफािरश भी कर दी गई। और अब यह प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा। सहारिया इसी वर्ष जुलाई माह में मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत हुए थे। बीती 5 जुलाई को नीला सत्यनारायण के सेवानिवृति के बाद से राज्य चुनाव आयुक्त का पद रिक्त है।

वर्ष 1977 बैच के आईएएस अधिकारी रहे सहारिया को पिछले साल 30 नवंबर को राज्य का मुख्य सचिव बनाया गया था। वे 31 जुलाई 2014 को मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत हो गए हैं। उन्हें 6 महीने का सेवाविस्तार मिल सकता था। लेकिन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने सहारिया को पहले से ही राज्य चुनाव आयुक्त बनाने का मन बना लिया था। इसलिए उनके सेवा विस्तार की सिफारिश नहीं की गई थी।


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