दो बहनों की फांसी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोल्हापुर की दो बहनों की फांसी पर रोक लगा दी है। मृत्युदंड को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग करने वाली याचिका का निपटारा होने तक यह रोक लगी रहेगी। राष्ट्रपति इन दोनों बहनों की दया याचिका ठुकरा चुके हैं। कोल्हापुर की रेणुका शिंदे और अंजना गावित 13 बच्चों का अपहरण कर नौ की हत्या करने की दोषी हैं। दोनों बहनें बच्चों से भीख मंगवाने के लिए उनका अपहरण करती थीं।
बच्चे बड़े होकर अगर बागी हो जाते थे तो उन्हें दीवार या फर्श पर पटकर मार देती थीं। दया याचिका रद्द होने के बाद इन दोनों की ओर से हाईकोर्ट में अपील की गई। इसे जस्टिस वीएम कानाडे और पीडी कोड़े की बेंच ने मंजूर कर लिया। बेंच ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि दया याचिकाओं के निपटारे में देरी के मुद्दे पर तीन हफ्ते में जवाब दें।
संविधान के अनुच्छेद-226 के तहत हाईकोर्ट को दया याचिका पर विचार करने का अधिकार है। इस मामले में नौ सितंबर को अगली सुनवाई होगी। राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह याचिका का निपटारा होने तक दोनों बहनों को फांसी नहीं देगी।