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नारायण राणे का मंत्रिमंडल से इस्तीफा

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 01:21 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 01:21 AM (IST)
नारायण राणे का मंत्रिमंडल से इस्तीफा

मुंबई। राज्य के उद्योगमंत्री नारायण राणे ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुरूप सोमवार को चव्हाण मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को इस्तीफा सौंपने के बाद राणे ने उन पर जमकर निशाना भी साधा। कहा, 'आगामी विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का भविष्य अच्छा नहीं दिख रहा है। मैं इस हार का हिस्सा नहीं बनना चाहता, इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं।' हालांकि राणे ने यह भी कहा, 'फिलहाल मैं अभी कांग्रेस में हूं और किसी दूसरे दल में शामिल होने अथवा नया दल बनाने के बारे में अभी कुछ नहीं सोचा है।'

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महाराष्ट्र के अलावा हरियाणा और असम में भी मुख्यमंत्री के नेतृत्व पर नेताओं ने सवाल उठाए हैं। राणे ने फिर दुहराया कि कांग्रेस ने 6 महीने में मुख्यमंत्री बनाने का वादा कर पार्टी में शामिल कराया था, लेकिन नौ वर्ष बाद भी वादा पूरा नहीं किया। कहा, 'मेरे साथ जो विधायक शिवसेना छोड़ कांग्रेस में आए थे, उनको मंत्री पद नहीं दिया गया। मेरे समर्थकों को कहीं भी स्थान नहीं मिला। मैं उनके साथ न्याय नहीं कर पाया।' उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद राच्य सरकार को जिस तरह काम करना चाहिए था, वैसा नहीं किया। मुख्यमंत्री ने जनता की भलाई के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए। पहले तो फैसले लेने में देरी हुई, जो फैसले लिए भी गए उस पर अमल नहीं हो सका। इससे लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी है।

व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं के आगे नहीं झुकेंगे: कांग्रेस

नई दिल्ली। चार राच्यों में कुछ नेताओं की बगावत के बीच कांग्रेस ने साफ किया कि पार्टी किसी की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के आगे नहीं झुकेगी। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'महाराष्ट्र में राणे और असम में सरमा ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। लेकिन पार्टी नेतृत्व को लेकर कोई आपत्ति नहीं की है। दोनों ने व्यक्तिगत जरूरत और महत्वाकांक्षा के कारण पद छोड़ा है। पार्टी उनकी मांगों के आधार पर नहीं चल सकती।' हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में बगावत के सुरों पर उन्होंने कहा कि इक्का-दुक्का नेताओं के रुख से पार्टी पर असर नहीं पड़ता।

मेरे लिए हर जगह वैकेंसी

कांग्रेस टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस्तीफा स्वीकार होने के बाद वे इस बारे में बात करेंगे। वहीं, भाजपा में शामिल होने से जुड़े प्रश्न पर कहा, 'मेरी विपक्ष के किसी नेता से कोई चर्चा नहीं हुई है। हालांकि यह भी कहा कि मेरे लिए हर जगह वैकेंसी है।' राणे ने कहा कि 2009 के चुनाव से पहले उनको प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष और चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाया जा रहा था, लेकिन उस वक्त उन्होंने यह पेशकश ठुकरा दी थी। कहा, 'अब मैं जो भी निर्णय लूंगा, कोंकण की जनता के हितों को देखते लूंगा। मैं प्रदेशव्यापी दौरा करूंगा।'


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