राणे ने कहा उद्धव ठाकरे का वस्त्रहरण कर लूंगा
मुंबई। उद्योग मंत्री नारायण राणे मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे पर भड़क उठे। राणे ने कहा कि वे मंत्री पद से इस्तीफा देंगे लेकिन कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे। सोमवार को वे इस्तीफा देने का कारण स्पष्ट करेंगे। रत्नागिरी के हाथखंबा में पत्रकारों से बातचीत में राणे ने मुख्यमंत्री और उद्धव पर भड़ास निकाली। राणे ने कहा कि वे पार्टी आलाकमान से नाराज नहीं है। प्रदेश नेतृत्व की कार्यशैली से नाराज हैं। राणे ने शिवसेना सुप्रीमो उद्धव को भी चेताया कि वे उनके रास्ते में न आएं। नहीं तो जैसे को तैसे वाला जवाब मिलेगा। वे उद्धव का वस्त्रहरण करके रहेंगे।
सीएम में निर्णय लेने की क्षमता नहीं
राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री के पास निर्णय लेने की क्षमता नहीं है। कार्यकर्ताओं पर अन्याय हो रहा है। जनता न्याय के लिए परेशान है।
पद की लालसा नहीं
क्या वे मुख्यमंत्री पद के लिए नाराज हैं? जवाब में राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री पद की लालसा उन्हें नहीं है। दो-ढाई महीने के लिए मुख्यमंत्री बनकर वे क्या करेंगे। राणे ने कहा कि पद मिलने से उनकी रोजी-रोटी नहीं चलती। वे राजा की तरह जिए हैं और आगे भी जिएंगे।
उन्होंने कहा कि मंत्री पद से इस्तीफा देने का यह अर्थ न निकाला जाए कि वे पार्टी छोड़कर किसी अन्य दल में शामिल होंगे। वे कांग्रेस में मर्द की तरह बने रहेंगे। मंत्री पद से इस्तीफा देने का कारण वे सोमवार को जाहिर करेंगे।
उद्धव को चेताया- रास्ते में न आएं
राणे ने उद्धव को चेताया कि वे उनके रास्ते में न आएं। नहीं तो जैसे को तैसे वाला जवाब मिलेगा। वे उद्धव का वस्त्रहरण करके रहेंगे। राणे ने कहा कि उद्धव ने शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे व मां का छल किया है। आखिरी 15 से 20 साल तक शिवसेना प्रमुख पुत्रकष्ट के दंश झेलते रहे। राणे ने कहा कि उद्धव का उदर निर्वाह राजनीति से चलता है। मुंबई व ठाणे जैसी मनपा उनके आय के साधन हैं। नरेंद्र मोदी की कृपा से शिवसेना के 18 सांसद चुनकर आए हैं। इसमें उद्धव का रत्ताी भर भी योगदान नहीं है। मोदी लहर अब समाप्त हो गई है।
राणे को मनाने पहुंचे ठाकरे
इस्तीफा देने का ऐलान कर चुके उद्योगमंत्री नारायण राणे को कांग्रेस की तरफ से मनाने की कोशिश जारी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने कांग्रेस विधायक कृपाशंकर सिंह के साथ राणे के घर पहुंचकर मनाने की कोशिश की। फोन पर राणे की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात कराई। इस दौरान राणे ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की कार्य प्रणाली को लेकर शिकायत की। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को सरकार व संगठन में जगह नहीं मिलेगी तो वे कैसे हमारे साथ खड़े रहेंगे।