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पद्म विभूषण सुंदर लाल पटवा--'बड़े साहब' को बड़ा सम्मान

पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान मिलने जा रहा है। नीमच-मंदसौर सहित समूचे प्रदेश में हर्ष है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 26 Jan 2017 04:49 AM (IST)Updated: Thu, 26 Jan 2017 05:09 AM (IST)
पद्म विभूषण सुंदर लाल पटवा--'बड़े साहब' को बड़ा सम्मान
पद्म विभूषण सुंदर लाल पटवा--'बड़े साहब' को बड़ा सम्मान

नीमच। पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान मिलने जा रहा है। भारत रत्न के बाद दूसरे बड़े सम्मान से 'बड़े साहब' को नवाजे जाने की सूचना से नीमच-मंदसौर सहित समूचे प्रदेश में हर्ष है। बचपन के दोस्तों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने भारत सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई है। गृृह नगर कुक़डेश्वर में भी नागरिक उत्साहित हैं।
जिले के कुक़डेश्वर में जन्मे सुंदरलाल पटवा ने भाजपा और प्रदेश की राजनीति में सिरमौर की भूमिका निभाई। वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री जैसे पद पर रहे। पार्टी को स्थापित करने में भी उनका अहम योगदान रहा। प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने समाज के हर वर्ग व तबके के लिए कार्य किया। किसान हितैषी फैसले लिए। केंद्र सरकार ने उन्हें मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान देने का फैसला लिया है। इसकी सूचना परिजनों को भेजी गई है।

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पारिवारिक पृृष्ठभूमि
जन्म : 11 नवंबर 1924
अवसान : 28 दिसंबर 2016
पिता : शाह मन्नालाल पटवा
माता : भूरीबाई
धर्मपत्नी : फूलकुंवरदेवी
भाई : अमृृतलाल पटवा, समरथलाल पटवा, संपतलाल पटवा, डॉ. विनोद कुमार पटवा
बहन : चंदनबाई, गुणबालादेवी
पैतृृक गांव : कुक़$डेश्वर जिला नीमच

राजनीतिक और सामाजिक सफरनामा
-- 1942 से 1951 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कार्यकर्ता व विस्तारक रहे।
-- 1948 में संघ पर प्रतिबंध के कारण 6 माह की जेल यात्रा की।
-- 1951 से जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे और 1980 से भाजपा के संस्थापक सदस्य बने।
-- 1962 से 1967 तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक रहे।
-- 1967 से 1975 तक नीमच सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष रहे।
-- 1975 से 1977 तक मीसा [ आपातकाल] के तहत 19 माह जेल यात्रा।
-- 1980 से 1985 तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे।
-- 1980 से 1985 व 1986 से 1990 तक मप्र भाजपा के अध्यक्ष रहे।

विधायक : 1957 व 1962 मनासा, 1977 मंदसौर, 1980 सिहोर व 1985, 1990, 1993 व 1998 में भोजपुर से निर्वाचित हुए।
सांसद : 1997 से 98 तक छिंदवाड़ा व 1999 से 2004 होशंगाबाद से निर्वाचित हुए।
मुख्यमंत्री : 20 जनवरी 1980 से 17 फरवरी 1980 तक 28 दिन और 1990 से 1992 तक 28 माह तक मुख्यमंत्री का पद संभाला।
केंद्रीय मंत्री : 1999 से 2001 तक केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री का दायित्व संभाला।

पदयात्रा
-- 1984 में जगदलपुर से झाबुआ तक 2200 किमी की पदयात्रा की।
-- 1994 में राजग़$ढ जिले के ग्रामीण अंचल में पदयात्रा की।
अंतिम दायित्व : मप्र भाजपा के संरक्षक व मार्गदर्शक।

पटवाजी हकदार थे
भारत सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री पटवाजी को मरणोपरांत पद्म विभूषण देने का फैसला लिया है। यह बहुत सही निर्णय है। पटवाजी वास्तव में सम्मान के हकदार थे। उन्होंने जीवनभर शोषित मानवता की सेवा की। नीमच, मंदसौर ही नहीं, समूचा प्रदेश उन्हें नहीं भुला सकता -सुखदेव जगन्नाथ मोदी, कुक़डेश्वर।

समूचे प्रदेश का सम्मान
पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को मृृत्यु उपरांत दिया जा रहा पद्म विभूषण सम्मान कुक़डेश्वर ही नहीं समूचे प्रदेश का सम्मान है। उन्होंने जीवनभर प्रदेश की तरक्की का सपना देखा। समाज के हर वर्ग व तबके के लिए काम किया। वे सम्मान के वास्तविक हकदार भी है - कुशलराज खाबिया, कुक़डेश्वर।

जानकारी मिली है
पूर्व मुख्यमंत्री पटवाजी [ बड़े साहब ] को भारत सरकार मरणोपरांत पद्म विभूषण सम्मान प्रदान कर रही है। इसकी सूचना पत्र के माध्यम से मिली है। सम्मान की तारीख का निर्धारण नहीं हुआ है- सुरेंद्र पटवा, पर्यटन एवं संस्कृृति राज्यमंत्री।


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